उत्तराखंड

श्रमिकों ने रैली निकाल दिया एएलसी कार्यालय पर धरना

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रुद्रपुर। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के साथ मज़दूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ काला दिवस मनाते हुए सिडकुल श्रमिकों ने रैली निकाली और एएलसी कार्यालय पर धरना देकर विरोध जताया। उन्होंने नौ सूत्रीय ज्ञापन राष्ट्रपति को संबोधित एएलसी को सौंपा। श्रमिकों का आरोप था कि केंद्र सरकार ने संसदीय परंपराओं और विरोधों को नजर अंदाज कर, कोविड पाबंदियों के बीच पिछले साल 23 सितंबर को मज़दूर विरोधी तीन श्रम संहिताएं पारित की थी,जबकि मज़दूरी पर श्रम संहिता 2019 में पारित हुई थी। विरोधों के बावजूद इनकी नियमावली भी ज्यादातर बन चुकी है और उसे लागू करने की जोर आजमाइश जारी है। इसके अलावा मज़दूरों द्वारा लंबे संघर्षों के दौरान हासिल 29 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया जा रहा है। मोर्चा द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में चारों श्रम सहिताएं निरस्त करने, श्रमिक हित में श्रम क़ानून बनाने,जन विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने,सरकारी/सार्वजनिक उद्यमों व संपत्तियों को बेचने पर तत्काल रोक लगाने,बिजली संशोधन विधेयक (2020) तत्काल निरस्त हो, आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 रद्द किया जाए, महंगाई पर अंकुश लगाने, दमन तंत्र व फर्जी गिरफ्तारियों और मुकदमों पर रोक लगाने,स्थानीय मज़दूर समस्याओं का समाधान करने,उदारीकरण-निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियां रद्द किए जाने की मांग की। इस मौके पर दिनेश तिवारी,संजय बिष्ट,सौरभ कुमार,हरेंद्र सिंह,हेम चंद्र दुर्गापाल,दिनेश चन्द्र,दीपक कुमार सनवाल, प्रकाश सिंह मेहरा,सुरेश पाल,कमलेश सिंह,रामजीत सिंह,मुकुल कुमार,कैलाश चंद्र,पान मोहमद आदि मौजूद रहे।

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