रुद्रप्रयाग। योग विषय को विद्यालयी शिक्षा में शामिल करने के शासनादेश जारी होने पर उत्तराखंड योग संगठन ने खुशी व्यक्त करते हुए सरकार का आभार जताया है। प्रदेश संगठन के मीडिया प्रभारी देवकी नन्दन बमोला ने कहा कि भले ही सरकार ने योग विषय को अतिरिक्त अनिवार्य विषय के रूप में सम्मिलित कर लिया हो किंतु जब तक विद्यालयों में योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी तब तक यह लड़ाई अधूरी ही है। उत्तराखंड में लम्बे समय से योग प्रशिक्षिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए आन्दोलन कर रहे हैं। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने समग्र शिक्षा में योग, आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य शिक्षा को इण्टरमीडिएट स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा में शामिल करते हुए चौथे अतिरिक्त एवं अनिवार्य विषय के रूप में मान्यता दी है। इससे योग प्रशिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग तो पूरी हुई किंतु यह मांग तब तक अधूरी है जब तक योग प्रशिक्षकों को विद्यालयों में नियुक्ति नहीं मिल जाती। अखिल भारतीय योग संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी एव योगासान स्पोर्ट्स एसोसिएशन रुद्रप्रयाग के जिलाध्यक्ष देवकीनंदन बमोला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा केन्द्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्हें आशा ही नहीं अपितु पूरा विश्वास है कि सरकार शीघ्र ही विद्यालयों मे योग शिक्षकध् प्रशिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने में सफल होगी। ताकि देवभूमि के नौनिहालों को अच्छी गुणवत्तापरक योग शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही उनका शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक चरित्र सुदृढ़ हो सके। कहा कि देव भूमि उत्तराखंड पूरे देश व विश्व में एक अलग पहचान बनाएगा। उन्होंने सरकार से शीघ्र योग शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया संपंन कराने की मांग की है।