आप वीर हो सकते हैं, अग्निवीर नहींश्य अग्निपथ स्कीम को चुनौती देने वाले वकील को सुको के जज का जवाब
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सशस्त्र सेना में केंद्र द्वारा लाई गई अग्निपथ स्कीम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की गई। इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ( क़्ल़् ब्ींदकतंबीनक) के एक बयान ने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया। दरअसल स्कीम को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने उत्साहित लहजे में कहा कि इस मामले में कोर्ट पहुंचने वाले पहले शख्स वहीं हैं। इसपर मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चंद्रचूड़ ने एडवोकेट से कहा, आप पीड़ित पक्ष नहीं हैं। आपने याचिका दायर की है। आप वीर हो सकते हैं अग्निवीर नहीं। जस्टिस चंद्रचूड़ के कहने का मतलब था कि पीड़ित पक्ष न होने के बावजूद एडवोकेट ने जनहित याचिका दायर की।
अग्निपथ स्कीम में अग्निवीर की भर्ती को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया। बता दें कि एडवोकेट शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रविंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर आज सुनवाई की जा रही थी जो अब दिल्ली हाई कोर्ट में होगी। यहां पहले से भी इस बारे में याचिका लंबित है। अग्निपथ योजना में अग्निवीर भर्ती के मामले में पटना, पंजाब हरियाणा, उत्तराखंड और केरल हाई कोर्ट में लंबित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वहां याचिकाकर्ता अपनी याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर करा सकते हैं या हाईकोर्ट उन्हे ट्रांसफर कर सकते हैं।
बता दें कि याचिकाओं में अग्निपथ स्कीम को देश के खिलाफ करार दिया गया है। साथ ही इसे गलत तरीके से लागू करने की बात कही गई है। एडवोकेट शर्मा ने स्कीम को रद करने की अपील की है वहीं हर्ष अजय सिंह ने स्कीम की समीक्षा करने की मांग करते हुए फिलहाल स्कीम के तहत अग्निवीरों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की है।
मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस सूर्यकांत और एएस बोपन्ना भी थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि इस मामले पर आगे च्प्स् दायर होती है तो उसे भी हाईकोर्ट भेजा जाएगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, श्हमें इस मामले में हाईकोर्ट का रुख जानना होगा।श्