शराब घोटाले-जासूसी कांड के खिलाफ आपको मिला हथियार, अदाणी विवाद से भाजपा को घेरेगी पार्टी
नई दिल्ली, एजेंसी। अदाणी विवाद के रूप में आम आदमी पार्टी को भाजपा से निपटने का नया हथियार मिल गया है। पार्टी ने रविवार को भाजपा नेताओं की अदाणी ग्रुप से करीबी को लेकर जोरदार हमला किया और भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन किया। पार्टी ने मांग की है कि इस विवाद की जांच जेपीसी के माध्यम से कराई जानी चाहिए। इसके पहले आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने राज्यसभा में भी पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाकर पार्टी का एजेंडा आगे बढ़ाया था।
दरअसल, इसके पहले आम आदमी पार्टी नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। भाजपा ने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की शराब नीति में परिवर्तन कर बड़ा घोटाला किया। कहा गया कि शराब नीति में बदलाव कर आम आदमी पार्टी ने करोड़ों रूपयों का घपला किया। सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मामले में मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाने से भाजपा के दावे को मजबूती भी मिली। भाजपा ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और उसे इसका नगर निगम चुनाव में लाभ मिला और तेज एंटी-इनकमबेंसी फैक्टर होने के बाद भी वह निगम चुनाव में 104 सीटें जीतने में कामयाब रही।
आम आदमी पार्टी को एक और करारा झटका जासूसी कांड के रूप में मिला। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस बात की जांच कराने के आदेश दे दिये हैं कि क्या अरविंद केजरीवाल सरकार ने विजिलेंस विभाग में एक अलग टीम गठित कर भाजपा नेताओं की जासूसी कराई? भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस यूनिट के जरिए उसके नेताओं के साथ-साथ दूसरे दलों के नेताओं, दिल्ली के जजों, पत्रकारों और व्यापारियों की जासूसी कराई गई। आम आदमी पार्टी ने इन सभी आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। पार्टी ने कहा कि इस तरह के सभी आरोप अरविंद केजरीवाल की छवि को खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं।
इन मामलों के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ। अपनी छवि को नुकसान पहुंचता देख आम आदमी पार्टी बैकफुट पर चल रही थी, लेकिन अदाणी विवाद के रूप में पार्टी को अक्सीजन मिल गया है। इस विवाद के जरिए वह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को घेर रही है। चूंकि, अरविंद केजरीवाल अपने लिए राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका की तलाश कर रहे हैं और अपना राजनीतिक विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं, माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी इस विवाद को लोकसभा चुनावों तक खींचेगी।
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश के वरिष्ठ नेता प्रवीण शंकर कपूर में अमर उजाला से कहा कि आम आदमी पार्टी दूसरों पर आरोप लगाकर राजनीति करती आई है। अपनी शुरुआत के समय से ही वह सभी राजनीतिक दलों को भ्रष्ट और उनके नेताओं को भ्रष्टाचारी बताती रही है, लेकिन अब उसकी राजनीतिक चाल जनता के सामने बेनकाब हो गई है। उनके अपने नेताओं पर जिस तरह से भ्र्ष्टाचार के मामले सामने आए हैं, लगता है कि वे अपने भ्र्ष्टाचार छिपाने के लिए ही दूसरे लोगों पर आरोप लगाते हैं। यही कारण है कि जनता अब अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का भरोसा नहीं करती। उन्होंने कहा कि अदानी विवाद में भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री को खींचने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी।
भाजपा नेता कपूर ने कहा कि पूरे देश की जनता की निगाह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता न केवल बनी हुई है, बल्कि इसमें दिनों दिन बढ़ोतरी हो रही है। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही है, जबकि दूसरी ओर दूसरी विपक्षी नेताओं की विश्वसनीयता लगातार कम हो रही है। ऐसी में उन्हें नहीं लगता है कि आम आदमी पार्टी को आरोप-प्रत्यारोप की इस राजनीति का अब कोई फायदा मिलने वाला है।