युवा लोग उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्र में आने से कतराते हैं
श्रीनगर गढ़वाल : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), उत्तराखंड में राज्य के विद्यालयी छात्रों में उद्यमिता की संस्कृति और मानसिकता विकसित करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईटीटीटीआर), चंडीगढ़ के उद्यमिता और ग्रामीण विकास केंद्र के सहयोग से उद्यमशीलता की भावना का ज्ञानवर्धन विषय पर पांच दिवसीय बूटकैंप प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनआईटी के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि विचार की उत्पत्ति और वास्तविकता में बदलने के लिए उस विचार को एक व्यावसायिक मॉडल में विकसित करना ही उद्यमिता है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह अथक प्रयास है कि राज्य के युवा उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्रों में आगे आऐं। स्टार्टअप और इच्छुक उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने सीड फंडिंग का भी प्रावधान रखा है, फिर भी युवा लोग उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्र में आने से कतराते हैं जबकि उच्च भुगतान वाली नौकरियों के प्रति उनका रुझान ज्यादा है। एचआईआईएमएस अस्पताल के आईपीडी प्रमुख डा. अनु भारद्वाज व एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के चेतन सहोरे ने प्रशिक्षण शिविर का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख के कक्षा 8वीं से आगे के स्कूली छात्रों के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य देश में सरकारी माध्यम से प्रदान किए जाने वाले उद्यमशीलता के अवसरों के बारे में जागरूकता फैलाना और उत्साही, उद्यमशील युवाओं की पहचान करके भविष्य के विकास के लिए उन्हें सक्षम बनाना है। (एजेंसी)