जिला योजना में 7986 लाख में से 96.11 प्रतिशत अवमुक्त, 79.61 प्रतिशत खर्च
चमराड़ा न्याय पंचायत बनेगा मधुग्राम, कड़कनाथ मुर्गी पालन पर जोर
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जिला योजना में अनुमोदित परिव्यय 7986 लाख में से शासन से जिलाधिकारी के निवर्तन पर प्राप्त धनराशि 6597.61 लाख जिनमें से विभागों को 96.11 प्रतिशत अवमुक्त हुई, अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 79.61 प्रतिशत खर्च की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि चमराड़ा न्याय पंचायत को मधुग्राम बनाये जाने की योजना है। मधुग्राम योजना को देखते हुए मौन पालन को पहली बार जिला योजना में शामिल किया गया है। उद्यान विभाग को जिला योजना के अन्तर्गत दो करोड़ से बढ़ाकर 12 करोड़ की धनराशि दी गई है। उन्होंने कहा कि जिला योजना के तहत पॉलीहाउस को कलस्टर बेस पर चलाया जा रहा है। वहीं एनआरएलएम, आजीविका, आईएलएस, ग्राम्य विकास के समूहों के साथ भी काम किया जा रहा है।
प्रदेश के काबीना मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन सभागार, पौड़ी में जिला योजना, जनपद में गतिमान विकास कार्यों की प्राभ्यास समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जनपद प्रभारी मंत्री श्री उनियाल ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा जनपद में अभिनव पहल कर बेहत्तर कार्य किये जा रहे है, चाहे वह टूरिज्म के क्षेत्र में नयार वैली एडवेंचर फेस्टिवल हो या एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, पशुपालन, मत्स्य आदि के क्षेत्रों में। जिलाधिकारी ने मंत्री को जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में होने वाले और अधिक बेहत्तर कार्य प्लान से अवगत कराया। काबीना मंत्री ने बैठक में विभागवार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए उद्यान विभाग द्वारा पारम्परिक पहाड़ी बीज पर दी जाने वाली सब्सिडी, स्ट्राबेरी की खेती के लिए उपयुक्त शुष्क भूमि, मधुग्राम, सेब, कीवी आदि के बारे में जानकारी ली। जिलाधिकारी ने जनपद में लगाये जा रहे सेब, कीवी, नाशपती की नर्सरी/पौधों के संबंध में भी जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा कि पटेलिया में 4 हेक्टियर एपल गार्डन लगाया गया है। जनपद में सेब के 9 फार्म विकसित किये जा रहे है, जिनमें प्रत्येक पर 100 पेड़ होंगे। बीरोंखाल में 5 हेक्टियर पर कीवी गार्डन बनाया जा रहा है।
पशुपालन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में कड़कनाथ मुर्गी पालन पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही दारिंदा पद्धति के तहत ‘बकरा सांड‘ प्रजाति के बकरे वितरित किये जा रहे हैं। पशुपालन के क्षेत्र में सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके तहत 90 प्रतिशत बछिया उत्पन्न होती हैं तथा दूध की मात्रा भी अधिक होती है। बैठक में विधायक लैंसडौन मंहत दिलीप रावत, पौड़ी मुकेश कोली, नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एपीडी सुनील कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज शर्मा, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार, पीएम स्वजल दीपक रावत, मुख्य कृषि अधिकारी देवेन्द्र सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके सिंह बत्र्वाल, पर्यटन एवं साहसिक खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, जिला मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली आदि मौजूद थे।
मार्च में होगा जनपद में फिशरिज मेगा इवेंट
मस्त्य विभाग की समीक्षा के दौरान सचिव मत्स्य विभाग एवं जनपद प्रभारी सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम ने जानकारी चाही कि क्या मस्त्य विभाग के पास कोई ऐसी योजना है, जिसके तहत महाशीर के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इस पर मत्स्य अधिकारी ने बताया कि महाशीर प्रजाति की मछली रेड डाटा बुक में शामिल है तथा विभाग में कोई ऐसी योजना भी नहीं है। जिलाधिकारी ने बताया कि आगामी मार्च 2021 में जनपद में फिशरिज मेगा इवेंट कराये जाने की योजना है।