कैबिनेट बैठक केदारनाथ में तेजी से पुनर्निर्माण की मोदी की चाहत होगी पूरी
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्घ्द्र मोदी को राज्य के दो प्रमुख धामों केदारनाथ और बदरीनाथ में निर्माण कार्यों में देरी अखर रही है। तय समय पर काम नहीं हुआ तो कोरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से जुटाई गई करोड़ों की धनराशि के लैप्स होने का खतरा है। मामले की संवेदनशीलता को भांपकर पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया।
दोनों धामों में निर्माण कार्यों के लिए बड़ी एजेंसी का चयन किया जाएगा। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम को देखते हुए 18 महीने से कम समय में एजेंसी को तेजी से काम करने की चुनौती से जूझना होगा। मंत्रिमंडल ने जीबी पंत षि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की संस्तुति की है। तय किया गया कि इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को विधानसभा में मंत्रिमंडल की बैठक में 11 बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। विधानसभा सत्र की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक धामी सरकार केदारनाथ के पुनर्निर्माण और बदरीनाथ में होने वाले नए कार्यों को तेजी से पूरा करने का संकल्प लिया है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में कामकाज को तय समय पर पूरा करने की हिदायत दे चुके हैं।
वर्तमान में दोनों धामों के लिए कार्यदायी एजेंसी लोक निर्माण विभाग है। दोनों धामों में मौसम प्रतिकूल रहता है। बर्फबारी और बरसात की वजह से सालभर में ज्यादातर समय कामकाज ठप रहता है। केदारनाथ में करीब 170 करोड़ की राशि से दूसरे चरण में करीब 13 कार्य होने हैं। वहीं बदरीनाथ धाम को 243 करोड़ की लागत से स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन के रूप में विकसित किया जाना है। ये सभी कार्य मिश्रित प्रति के हैं। 18 महीने के भीतर इन कार्यों को अंजाम देना है। बड़ी एजेंसी का चयन करने का निर्णय इसी वजह से लिया गया है।