कोरोना को रोकने से खुलेगी देश की अर्थव्यवस्था:मोदी
0-मुख्यमंत्रियों की बैठक में अगली रणनीति पर हुई चर्चा
नई दिल्ली,16 जून (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कोरोना
वायरस के फैलाव को रोकने की दिशा में लगातार काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उतनी ही हमारी अर्थव्यवस्था
खुलेगी।
मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की चर्चा से आगे की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज वीडियो
कांफ्रेंसिंग के दौरान पंजाब, असम, केरल, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, सिक्किम सहित कुल 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों
के मुख्यमंत्रियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में हिस्सा लिया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को भी शाम तीन बजे से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात सहित कुल 15
राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे,
उसका बढ़ना जितना रोक पाएंगे, उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, मार्केट खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे, और उतने ही रोजगार के नए
अवसर भी बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स, हेल्थ के जानकार, लॉकडाउन और भारत के लोगों द्वारा दिखाए गए अनुशासन की आज
चर्चा कर रहे हैं। आज भारत में रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से ऊपर है। आज भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बच रहा
है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की लड़ाई में भारत को एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में जब कभी भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का अध्ययन
होगा, तो ये दौर इसलिए भी याद किया जाएगा कि कैसे इस दौरान हमने साथ मिलकर काम किया, कॉपरेटिव फीडरिज्म का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इससे आगे की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी। उन्होंने
कहा कि आज इस चर्चा में मुझे भी आपसे बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा, जमीनी स्तर पर वास्तविकता को समझने का अवसर मिलेगा। निर्यात सामान्य
स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। इससे पता चलता है कि हालात सुधर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड रणनीति की घोषणा
की गई है, उसका भी लाभ हर राज्य को होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम हर ब्लॉक, हर जिले में ऐसे प्रोडक्ट्स की पहचान करें, जिनकी प्रोसेसिंग या मार्केटिंग
करके, एक बेहतर प्रोडक्ट हम देश और दुनिया के बाजार में उतार सकते हैं।
बिना मास्क के बाहर निकलना ठीक नहीं
प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि भारत में कोरोना वायरस से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट अब 50 फीसदी हो गई है। हमारे लिए एक भारतीय
की मौत होना भी ठीक नहीं है लेकिन यह भी सच है कि भारत उन देशों में से एक है जहां कोरोना के चलते कम मौत हुई हैं। इस समय बिना मास्क या फेस
कवर के बाहर निकलने की सोचना भी ठीक नहीं है। दो गज की दूरी, हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल बहुत आवश्यक है। बाजार खुलने और लोगों के बाहर
निकलने के साथ ही ये नियम बहुत जरूरी हो गए हैं। भविष्य में जब भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का विश्लेषण होगा, यह समय याद रखा जाएगा कि
कैसे हमने एक साथ मिल कर यह लड़ाई लड़ी थी और सहयोग की भावना से कैसे काम किया जाता है इसका उदाहरण पेश किया था। उन्होंने कहा कि भारत में
कोरोना वायरस से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट अब 50 फीसदी हो गई है। हमारे लिए एक भारतीय की मौत होना भी ठीक नहीं है लेकिन यह भी सच है कि
भारत उन देशों में से एक है जहां कोरोना के चलते कम मौत हुई हैं। इस समय बिना मास्क या फेस कवर के बाहर निकलने की सोचना भी ठीक नहीं है। दो गज
की दूरी, हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल बहुत आवश्यक है। बाजार खुलने और लोगों के बाहर निकलने के साथ ही ये नियम बहुत जरूरी हो गए हैं।
भविष्य में जब भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का विश्लेषण होगा, यह समय याद रखा जाएगा कि कैसे हमने एक साथ मिल कर यह लड़ाई लड़ी थी और
सहयोग की भावना से कैसे काम किया जाता है इसका उदाहरण पेश किया था।
विदेशों व देश में फंसे लोगों की घर वापसी
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में विदेशों में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों को देश वापस लाया गया है और कई प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस
पहुंचाया गया है। परिवहन के सगभग सभी साधनों का दोबारा संचालन शुरू कर दिया गया है, फिर भी भारत में कोरोना का वैसा असर नहीं है जैसा अन्य देशों में
है।
इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई वार्ता
पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, लद्दाख, झारखंड, छत्तीसगढ़,गोवा, केरल, पुडुचेरी,असम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड,
अंडमान-निकोबार, दादर नगर हवेली और दमन दीव, लक्षद्वीप। आज प्रधानमंत्री ने उन राज्यों से बात की जहां कोरोना संकट अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है।
आज 15 राज्यों के साथ बात करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
वहीं, बुधवार प्रधानमंत्री 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से बातचीत करेंगे। इनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात,
बिहार और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। ‘अनलॉक-1’ के तहत आम लोगों और व्यवसाय के लिए कई छूट दी गई है ताकि लॉकडाउन के कारण प्रभावित आर्थिक
गतिविधियां पटरी पर लौट सकें। इससे पहले प्रधानमंत्री ने शनिवार को कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावित इलाकों में इसके प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए
कदमों और स्थिति के प्रभावी प्रबंधन के रोडमैप की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की यह छठे दौर की वार्ता होगी, इससे पहले इस तरह की बैठक
11 मई को हुई थी।
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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी विचार विमर्श
देहरादून। मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रतिभाग किया। वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग में कोविड – 19 एवं अनलॉक – 1 के बाद की परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया गया। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी विचार
विमर्श किया गया।
वीडियो कांफ्रेंसिग के बाद मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए कहा कि इस दिशा में उत्तराखण्ड द्वारा काफी प्रगति की गई
है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 300 करोड़ के प्रोजेक्टों पर कार्य शुरू किया गया है। कोरोना के बाद लगभग 90 प्रतिशत उद्योगों ने कार्य करना आरम्भ कर दिया है।
राज्य में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आर्थिक गतिविधियों को बढाने के लिए काम किया गया है। राज्य के युवाओं एवं राज्य में लौटे प्रवासियों के लिये
रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। योजना का लाभ आधिक से अधिक युवाओं को उपलब्ध हो इसके लिये
जिलाधिकारियों को धनराशि उपलब्ध करायी गई है। कल ही 110 करोड़ रूपये जिलाधिकारियों को स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 हजार लोगों ने
मनरेगा में रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि कृषि एवं इससे सम्बन्धित कार्यों के लिये 05 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य में पर्यटन को गति देने के लिये
भी योजना बनायी जा रही है।