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पैंगोंग लेक पर तेजी से पुल बना रहा चीन, सैटेलाइट इमेज से चला पता

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध कम होता नहीं दिख रहा है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के पास चीन द्वारा बनाए जा रहे एक नए पुल को लेकर दो देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ रहा है। ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट डेमियन साइमन ने हाल ही में उस क्षेत्र के सैटेलाइट इमेज साझा किया है, जिसमें पैंगोंग त्सो लेक के दो किनारों को जोड़ने वाली एक पुल जैसी संरचना दिखी है।
रिपोर्टर्स के मुताबिक अब तक 400 मीटर का काम किया जा चुका है। जिस स्पीड से पुल का काम पूरा किया जा रहा है, आने वाले कुछ महीने में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। भारी बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद भी चीन इस पुल को पूरा करने में जुटा हुआ है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस पुल के बनने से चीन को इस क्षेत्र में सामरिक बढ़त हासिल हो जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक झील के उत्तरी इलाके में रुतोग तक पहुंचने के लिए चीन यह पुल बना रहा है। इस पुल के बन जाने से रुतोग तक पहुंचने के लिए चीन को 200 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना होगा। रुतोग तक पहुंचने में करीब 150 किलोमीटर कम हो जाएगा। स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कंफ्लिक्ट रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर अशोक स्वैन ने कहा कि यह साफ संकेत है कि चीन का उस क्षेत्रों से हटने की कोई प्लान नहीं है।
चीन जिस क्षेत्र में पुल बना रहा है, वहां उसने 1960 के करीब से कब्जा किया हुआ है। भारत सरकार ने कहा है कि चीन कहां पुल बना रहा है, वह साल 1960 से उसके अवैध कब्घ्जे में है। विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि जैसा कि आप भलीभांति जानते हैं कि भारत ने इस अवैध कब्घ्जे को कभी स्घ्वीकार नहीं किया है।
भारत और चीन के बीच 20 महीने से अधिक से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है। दोनों देश के बीच हिंसक संघर्ष भी हुआ है। दोनों पक्षों के बीच अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन मामला अब तक सुलझाता नहीं दिख रहा है।

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