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भूस्खलन से मौणा गांव के ग्रामीणों में दहशत

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चमोली। भूस्खलन होने से नारायणबगड़ के अंतर्गत मौणा गांव पर खतरा मंडरा रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण गांव के उपरी हिस्से से भूस्खलन होने के कारण ग्रामीण दहशत में हैं। भूस्खलन के कारण नौगाड़ गदेरे के उफान पर आने से लोगों की कई हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो गई है। खेतों में खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खतरे का अंदाजा देख ग्रामीणों ने श्रमदान कर भूस्खलन के कारण आए मलबे को कुछ हद तक तो हटा दिया। लेकिन इसके बाद भी लोगों में भय है कि हल्की बारिश में भी यह मलबा लोगों के घरों व खेतों में घुसकर भारी नुकसान पहुंचा सकता है। प्रशासन की ओर से अब तक किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा जल्द ही मदद नहीं की जाती है तो आंदोलन किया जाएगा। ग्राम प्रधान यदुवीर रावत दर्शन सिंह रावत राकेश नेगी, भरत सिंह धन सिंह नंदन सिंह ने बताया कि मौणा गांव के उपरी हिस्से से पीएमजीएसवाई की सडक़ गुजरती है। बारिश के दौरान सडक़ पर एकत्र होने वाला पूरा पानी गांव की ओर बहता है। पानी की निकासी के लिए दूसरी जगह से व्यवस्था नहीं की गई है। पिछले दिनों हुई बारिश से जो पानी सडक़ पर जमा हुआ उसने अपनी तलहटी पर कटाव कर दिया। जिस कारण गांव के उपरी हिस्से में निरंतर भूस्खलन हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि भूस्खलन के कारण गांव पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। बरसात का पानी व मलबा सीधे लोगों के घरों व खेतों में घुस रहा है। इससे कभी भी जानमाल को बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने मांग की है कि भूस्खलन वाले जोन पर जल्द ट्रीटमेंट का कार्य किया जाए। साथ ही पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था की जाए। पिछले दिनों बंद हुए मोटरमार्ग को खोलने की मांग भी ग्रामीणों ने की है।

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