कोटद्वार-पौड़ी

मानसून सत्र में बाढ़ से बचाव के लिए सभी विभागों की एकजुटता जरूरी: एसडीएम

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आपदा से निपटने के लिए तहसील प्रशासन तैयारियों में जुटा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
कोटद्वार तहसील क्षेत्र में मानसून दस्तक देने वाला है। मानसून के आगमन के साथ ही संभावित बाढ़ के खतरों को लेकर लोगों की चिताएं बढ़ने लगी हैं। वैश्विक महामारी के इस दौर में बाढ़ जैसी किसी आपदा से निपटने के लिए तहसील प्रशासन जरूरी तैयारियों में जुटा हुआ है। तहसील क्षेत्र में हर साल आने वाली बाढ़ के दौरान राहत व बचाव संबंधी कार्यों में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी व कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने मानसून से पूर्व जो तैयारियां की जानी है, सम्बधित विभागों को ससमय पूर्ण करने के दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग समय पर पूरी तैयारी कर ले। वर्तमान में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए जिस तरह से सभी विभाग एकजुटता से कार्य कर रहे है, उसी प्रकार मानसून सत्र में बाढ़ से बचाव के भी उपाय हमें मिलकर करना होगा। उन्होंने विभागों से मानसून सत्र के लिए की गई तैयारी की भी जानकारी ली।
तहसील सभागार में उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने मानसून की तैयारियों को लेकर संबंधित विभागों की बैठक ली। उन्होंने नगर निगम को निर्देश दिये कि वे समय पर नालों और नालियों की सफाई करा लें, ताकि जलभराव की स्थिति से बचा जा सके। नगर निगम के अवर अभियंता अखिलेश खण्डूडी ने बताया कि निगम क्षेत्र में सात नाले है, सभी नालों की सफाई करा दी गई है। उपजिलाधिकारी ने कहा कि कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में आठ अस्थाई शिविर शिविरों का चुनाव किया गया है। इसके अलावा तहसील के पौखाल क्षेत्र में भी अस्थाई शिविर चिन्हित किये है। उन्होंने कहा कि खाद्यन्न की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में इसके लिए पूर्ति निरीक्षक को निर्देशित किया गया है। लोक निर्माण विभाग को आपदा के दृष्टिगत जो संवेदनशील स्थान है, जिनका पांच साल में आपदों का इतिहास रहा है ऐसे स्थानों पर समय पे जेसीबी और पोकलैण्ड मशीन पहुंचे इसकी तैनाती करने को कहा है। उन्होंने कहा कि फौरी राहत की अगर आवश्यकता पड़ती है तो हेलीपैड चाहिए होते है, इसके लिए तहसील क्षेत्र में आठ स्थान हेलीपैड के लिए चिन्हित किये है। हेलीपैड़ के बारे में डाटा तैयार किया गया है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि बहुत से शहरी क्षेत्र ऐसे है जहां बहुत बार आपदा आई है, इसके लिए तहसील में सेटेलाइट फोन दिया गया है। उन्होंने कहा कि चार वाकी टॉकी की डिमांड जिलाधिकारी से की है।

नगर निगम जीर्ण-शीर्ण भवन को ध्वस्त करें
कोटद्वार। 
नगर निगम के अवर अभियन्ता अखिलेश खण्डूृडी ने तहसील सभागार में आयोजित बैठक में बताया कि निगम क्षेत्र में करीब 70 जीर्ण-शीर्ण भवन है। इन भवन स्वामियों को नोटिस दिया गया है। बता दें कि नगर क्षेत्र में कई परिवार ऐसे जीर्ण-शीर्ण भवनों में रह रहे हैं, जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। किसी भी दैवीय आपदा में यह भवन भरभरा कर गिर सकते हैं। निगम क्षेत्र के अंतर्गत बदरीनाथ मार्ग, पटेल मार्ग, मालवीय उद्यान, गोखले मार्ग, मालगोदाम रोड, गैरेज रोड, सिनेमा रोड, आमपड़ाव, सुमन मार्ग सहित कई स्थानों पर जीर्ण-शीर्ण भवन हैं। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने नगर निगम के अवर अभियन्ता को जीर्ण-शीर्ण भवन स्वामियों को नोटिस भेजकर कड़ी कार्यवाही करने को कहा। सुनवाई कर जल्द से जल्द इन भवनों को ध्वस्त करें। अगर नगर निगम जीर्ण-शीर्ण भवनों को ध्वस्त नहीं कर पा रहा है तो आईपीसी की धारा 133 के तहत तहसील को भेजें।
बैठक में नायाब तहसीलदार ने बताया कि तहसील के पर्वतीय क्षेत्र में 23 भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। जिस पर उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बरसात के समय इन परिवारों को शिफ्ट करने के लिए स्थान चिन्हित करने को कहा। शिफ्ट करने के लिए लेखपाल, ग्राम प्रधान और ग्राम प्रहरी की डयूटी लगाये।

सिंचाई विभाग नालों पर अतिक्रमण चिन्हित करें
कोटद्वार।
उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने कहा कि बरसात के समय पनियाली गदेरे सहित अन्य नालों में पानी बढ़ जाता है। बरसात का पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। पूर्व में भी पनियाली गदेरे बरसात के समय नुकसान पहुंचा चुका है। इसलिए सिंचाई विभाग को सर्तक रहने की जरूरत है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारी को पनियाली गदेरे सहित अन्य नालों के किनारे अवैध अतिक्रमण को चिन्हित करने को कहा। पूर्व में पनियाली गदेरे किनारे 25 परिवारों को चन्हित किया गया था। बरसात के समय चिन्हित परिवारों को शिविरों में रखा जाएगा।

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