कोटद्वार-पौड़ी

119 आरक्षी एसएसबी का अभिन्न अंग बनें 119 नव आरक्षी

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श्रीनगर गढ़वाल : कठिन प्रशिक्षण के बाद बुधवार को 119 प्रशिक्षु आरक्षी सशस्त्र सीमा बल के अभिन्न अंग बने। एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित दीक्षांत परेड में आरक्षी प्रशिक्षुओं ने पद और कर्तव्यों की शपथ ली।
मुख्य अतिथि एसएसबी बल मुख्यालय नई दिल्ली के (आसूचना) महानिरीक्षक छेरिंग दोरजाई ने एसएसबी शहीद स्मृति स्थल पर शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित कर परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह बल भारत-नेपाल और भारत-भूटान के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सरहदों की सुरक्षा के दायित्व को संभाले हुए है। कहा कि ऐसी संवेदनशील और खुली सीमाओं की पूर्ण रक्षा करना जटिल कार्य है। कहा कि मुझे आशा है कि आप महान जनहितैशी बल के सदस्य के रूप में शामिल होकर देश की सेवा करेंगे। एसएसबी श्रीनगर के उपमहानिरीक्षक सुभाष चंद्र नेगी ने बताया कि आरक्षी प्रशिक्षुओं को 32 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण की अवधि में शारीरिक और मानसिक तौर पर क्षमता प्रदान करने का पूरा प्रयास किया गया है। जिसे बल की निरंतर बढ़ती हुई जिम्मेदारियों में यह सभी सशक्त एवं सफल सैनिक का दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकें। कहा कि सशस्त्र सीमा बल के सभी कर्तव्य चाहे वह नेपाल-भूटान सीमा पर हो या निम्न तीव्रता संघर्ष, प्रतिविद्रोहिता, नक्सली विरोधियों, आंतरिक सुरक्षा या कानून व्यवस्था बनाने का काम प्रशिक्षण में सिखाया गया है। (एजेंसी)

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