Uncategorized

मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को कैंपा से 15.36 करोड़ की मदद

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। उत्तराखंड में निरंतर गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि एवं प्रबंधन योजना प्राधिकरण (कैंपा) से चालू वित्तीय वर्ष में बड़ा संबल मिलने जा रहा है। कैंपा की वार्षिक कार्ययोजना में इसके लिए 15.36 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इस राशि का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में वन सीमा पर सभी प्रकार की फेंसिंग, हाथी व सूअर रोधी सुरक्षा दीवार समेत अन्य उपाय करने में किया जाएगा। वन्यजीवों के संरक्षण में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभा रहा है। खासकर, बाघ, हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों का बढ़ता कुनबा इसकी तस्दीक करता है। ये वन्यजीव राज्य को देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान भी दिलाते हैं, मगर यह भी किसी से छिपा नहीं है कि वन्यजीव जनमानस के लिए मुसीबत का सबब भी बने हुए हैं। आए दिन वन्यजीवों के हमलों की घटनाएं सुर्खियां बन रही हैं। विशेषकर गुलदारों ने तो दिन का चैन और रातों की नींद हराम की हुई है। स्थिति ये हो चली है कि वन क्षेत्रों से सटे इलाकों में न घर-आंगन सुरक्षित हैं और न खेत-खलिहान। कब कहां मौत रूपी गुलदार आ धमके कहा नहीं सकता। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भालू के हमलों में भी इजाफा हुआ है। इधर, मैदानी इलाकों में गुलदार के साथ ही हाथियों ने नींद उड़ाई हुई है। यमुना नदी से लेकर शारदा नदी तक कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व समेत 12 वन प्रभागों के साढ़े छह हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से लगे इलाकों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजाजी टाइगर रिजर्व से सटा हरिद्वार का इलाका हो या फिर कार्बेट टाइगर रिजर्व समेत हाथी बहुल वन प्रभागों से लगे क्षेत्र, सभी जगह आए दिन हाथियों की सक्रियता जान के खतरे का सबब बनी हुई है। हालांकि, लगातार गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए वन महकमे की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं, मगर तमाम कार्यों में बजट की कमी भी बाधक बन रही है। ऐसे में कैंपा अब वन महकमे को बड़ा संबल देने जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए की वार्षिक कार्ययोजना में हरिद्वार, कोटद्वार व कार्बेट टाइगर रिजर्व में रेसक्यू सेंटरों के निर्माण एवं मरम्मत को तीन करोड़, प्रभावित इलाकों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के मद्देनजर वन सीमा पर सोलर, इलेक्ट्रिक, चेनलिंक, स्टील वायर आदि की फेंसिंग के लिए चार करोड़, संवेदनशील क्षेत्रों में हाथी रोधी ट्रेंच निर्माण को 3.36 करोड़, हाथी व सूअरों को आबादी की तरफ आने से रोकने को वन सीमा पर मजबूत सुरक्षा दीवार निर्माण को पांच करोड़ की राशि का प्रविधान प्रस्तावित किया गया है। कैंपा के सीईओ जेएस सुहाग के अनुसार कैंपा की वार्षिक कार्ययोजना को केंद्र से हरी झंडी मिलते ही यह प्रस्तावित राशि आवंटित की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!