187 गांवों के करीब 45 हजार किसानों पर दो पर्ची वितरक नियुक्त

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रुडकी। लक्सर के 187 गांवों के करीब 45 हजार किसान गन्ना समिति के सदस्य हैं। इन तक पर्ची पहुंचाने की जिम्मेदारी संभालने वाली समिति में महज दो पर्ची वितरक नियुक्त हैं। लिहाजा किसानों तक समय से पर्चियां नहीं पहुंच पा रही हैं। पर्ची के लिए दूरदराज के किसानों को खुद समिति पर आना पड़ रहा है। लक्सर चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति सहकारी गन्ना विकास समिति के माध्यम से होती है। क्षेत्र के 187 गांवों के लगभग 45 हजार किसान गन्ना समिति के सदस्य हैं। चीनी मिल रोज अपनी मांग के हिसाब से गन्ने का इंडेंट (मांगपत्र) बनाकर समिति को भेजता है। समिति इसी मांग के आधार पर किसानों को गन्ने की पर्चियां जारी करती है। इन पर्चियों को जारी करने के बाद किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी गन्ना समिति की ही है। इसके लिए गन्ना समिति में बाकायदा पर्ची वितरक के पद सृजित हैं। पर दिक्कत यह है कि लक्सर के 187 गांवों के 45 हजार किसानों को पर्चियां बांटने के लिए समिति में महज दो ही पर्ची वितरक तैनात हैं। पर्ची वितरक न होने के कारण देहात के किसानों तक समय से पर्चियां नहीं पहुंच रही हैं। इस कारण रोज पर्ची की जानकारी करने के लिए समिति पर दूरदराज से आए किसानों की भारी भीड़ लग रही है। प्रभारी समिति सचिव गौतम नेगी का कहना है कि जो किसान किसी काम से समिति आते हैं, उनके गांवों की पर्चियां उन किसानों को दी जाती हैं।

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