उत्तराखंड

राज्य में महिलाओं के 30: महिला आरक्षण को समाप्त नहीं होने देंगे

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने राज्य में सरकारी नौकरी में महिलाओं के 30: आरक्षण पर रोक लगाने के आदेश को सरकार की लापरवाही करार दिया है। मंच ने कहा है कि सरकार की हीला हवाली, कमजोर पैरवी व सुस्त अधिकारियों के कारण ये स्थिति बनी है। शहीद स्मारक में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, महिला आंदोलनकारी पुष्पलता सिलमाना ने कहा कि महिलाओं के त्याग बलिदान और तपस्या से इस राज्य का निर्माण हुआ। इस आरक्षण पर लगे ग्रहण की जिम्मेदार सरकारी अधिवक्ताओं की लापरवाही है। वह केवल बिना सरकार का पक्ष रखे ही अपनी तनख्वाह ले रहे हैं। क्रांति कुकरेती ने कहा कि जनता को लामबंद करने की जरूरत है। राज्य आंदोलनकारी 30: महिला आरक्षण को समाप्त नहीं होने देंगे। सभी को उत्तराखंड के लोगों के हित के लिये एक होना पड़ेगा। द्वारिका बिष्ट राज्य में लगातार राज्य की जनता के हितों की उपेक्षा हो रही है। राधा तिवारी ने कहा कि अब सड़कों पर आना ही पड़ेगा। इस मुहिम को जनआंदोलन में तब्दील करने की जरूरत हैं। आगामी 31 अगस्त को जल्द युवा छात्र छात्राओं के संगठनों के साथ आगे की रणनीति तय होगी। मौके पर पूर्ण सिंह लिंगवाल, सुरेश नेगी, प्रमिला रावत, प्रभात डंडरियाल, विनोद असवाल, हरि सिंह, राकेश थपलियाल, राजेश्वरी रावत, विमला नेगी, अजय कंडारी मौजूद थे।

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