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33 लड़ाकू विमानों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी

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नई दिल्ली । पिछले लंबे समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को
लेकर ड्रैगन को सावधान रहने की जरूरत है। भारत ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें रूस से 33 लड़ाकू विमानों
को खरीदा जाना है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
रूस से भारत जिन 33 लड़ाकू विमानों को खरीद रहा है, उसमें 21 मिग-21 एस और 12 सुखोई 30एमकेआईएस लड़ाकू
विमान शामिल हैं। इसके अलावा 59 मौजूदा मिग-21 एस को अपग्रेड भी किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को
बताया कि रूस के साथ हो रही इस डील की कुल कीमत 18,148 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 एस्ट्रा बियन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर
मिसाइलों को खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा एक नई 1,000
किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और अन्य जरूरतों की भी मंजूरी दी गई है।
वहीं, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से 31,130 करोड़ रुपये की खरीदारी
भारतीय उद्योग से होगी।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पिछले महीने सेना ने लड़ाकू विमानों को हासिल
करने के एक प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया था।
भारतीय वायुसेना ने जिन 21 मिग 29 का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है, वे रूस के हैं। रूस ने वायुसेना को नए
लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। बता दें
कि मिग -29 को वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूस द्वारा दी जाने वाली
ट्रेनिंग अलग है।
राफेल विमान भी आ रहे हैं भारत
फ्रांस जल्द ही भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के श्विशेष निवेदनश् के बाद
फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आएगी।
पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था। ऐसे में भारत की वायुसेना की ताकत पहले के मुकाबले काफी बढ़
जाएगी।

पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को किया फोन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने आज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बात की और उन्हें द्वितीय विश्व युद्घ
में जीत की 75वीं वर्षगांठ के समारोह की सफलता और रूस में संवैधानिक संशोधनों के लिए हुए सफल मतदान के
समापन पर बधाई दी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी फोन कल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और सभी क्षेत्रों
में दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्घता को दोहराई।

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