हम सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए, भाजपा की स्थापना महान भारत की स्थापना के लिए हुई: शाह
पोर्ट ब्लेयर , एजेंसी। गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को पोर्ट ब्लेयर में भाजपा कार्यकर्ताओं व प्रबुद्घजनों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। हम विचारधारा से बंधे हुए लोग हैं और हमारी पार्टी की स्थापना ही महान भारत की स्थापना के लिए हुई है। उन्होंने क्रांतिकारी वीर सावरकर को महान देशभक्त बताया।
शाह ने कहा कि यदि देश के 130 करोड़ लोग आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में छोटे-छोटे संकल्प लें तो बहुत बड़ा परिवर्तन देश में आ सकता है। भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए यह संकल्प लेने का वर्ष है,क्योंकि हमारी पार्टी की स्थापना ही महान भारत की स्थापना के लिए हुई है। शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि यह साल संकल्प लेने का है। हमारी पार्टी की स्थापना भारत को महान बनाने के लिए हुई है। हम उन लोगों में से नहीं हैं, जो सत्ता पाने के लिए राजनीति में आए हैं। हम विचारधारा से जुड़े हैं। हमारी विचारधारा श्महान भारतश् का निर्माण है। अगर हम हमारा जीवन देश के लिए जिए, हमारे जीवन की समस्त गतिविधियों को देश के साथ जोड़ के देखें और देश की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के लिए हम गिलहरी की तरह योगदान कर लें तो देश को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता।
गृह मंत्री ने कहा,श्मैंने छोटी उम्र से वीर सावरकर जी को पढ़ा है। मेरे हृदय में हमेशा उनके लिए खास स्थान। उनके लिए अनन्य भक्ति भाव रहा है। मैं मन से मानता हूं कि इतनी उत्ष्ट राष्ट्रभक्ति ईश्वर ने शायद ही किसी व्यक्ति के दिलों-दिमाग में दी होगी जितनी वीर सावरकर जी में थी। मुश्किल परिस्थितियों में भी उन्होंने अपनी राय नहीं बदली और समाज के विरोध का सामना करते हुए भी उसे खुले तौर पर पेश किया। उनका जैसा साहस था, वह बहुत कम लोगों में होता है।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि कांग्रेस के समय एक सरकार सोचती थी, दूसरी सरकार योजना बनाती थी, तीसरी सरकार टेंडर निकालती थी, चौथी सरकार काम शुरू करती थी और पांचवीं सरकार उसका उद्घाटन करती थी। मोदी जी ने एक नई कार्यसंस्ति बनाई है, मोदी जी ही भूमिभूजन करते हैं और मोदी जी ही उसका उद्घाटन करते हैं।
बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्रांतिकारी वीर सावरकर को लेकर दावा किया था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर सावरकर ने दया याचिका दायर की थी। उनके इस दावे के बाद देशभर में बहस छिड़ गई है। कांग्रेस समेत कई दलों के नेता राजनाथ सिंह के बयान को गलत बता रहे। इस बीच सावरकर की जीवनी लिखने वाले इतिहासकार ड़ विक्रम संपत ने अपनी पुस्तक का हवाला देते हुए कई दावे पेश किए हैं। ड़ संपत ने अपनी किताब श्सावरकरश् में लिखा है, 1920 में जब सावरकर जेल में बंद थे, तब गांधी जी ने उन्हें दया याचिका दायर करने की सलाह दी थी। यही नहीं, दया याचिका के लिए केस भी खुद गांधी जी ने तैयार किया था।