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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, केंद्र की अनुमति के बाद आंदोलन में किसानों पर दर्ज मामले लिए वापस

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चंडीगढ़, एजेंसी। हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने अपने वादे के मुताबिक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। तीन षि कानूनों के विरोध में एक साल तक चले आंदोलन के दौरान हजारों किसानों पर 272 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से 82 मुकदमे प्रदेश सरकार वापस ले चुकी है और रेलवे ट्रैक और जीटी रोड जाम करने से जुड़े 82 मुकदमों को रद करने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है।
केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को इन मुकदमों को भी वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी है। बाकी बचे 104 मुकदमों को भी वापस लेने की प्रक्रिया तेजी से चलाई जा रही है। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने केंद्र द्वारा मिली अनुमति की पुष्टि की है। उनका कहना है कि तमाम औपचारिकताएं पूरी होते ही इन मुकदमों को खारिज कर दिया जाएगा।
हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसे इन मुकदमों को वापस लेने की अनुमति केंद्र सरकार से मिली है। इन मुकदमों को जल्द वापस ले लिया जाएगा। कुछ मामले हाईवे पेचीदा किस्म के हैं और कुछ पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। इन मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया भी राज्य सरकार ने अपने एडवोकेट जनरल कार्यालय के माध्यम से शुरू कर रखी है।
गृह मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें झूठ बोलने और किसानों को गुमराह करने की आदत है। भाजपा सरकार जो वादा करती है, उसे हर हाल में पूरा करती है। भाजपा ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का वादा किया था, जिसे कानून की सहूलियत के हिसाब से पूरा किया जा रहा है।
बता दें कि हुड्डा ने एक दिन पहले ही प्रेस कान्फ्रेंस कर गठबंधन सरकार पर किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लेने के आरोप लगाए थे। साथ ही हुड्डा ने यह भी कहा था कि किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसल का मुआवजा नहीं मिल रहा है।

 

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