कोटद्वार-पौड़ी

डुंगरीपंथ में मकान गिरने से 8 लोग दबे, भूकंप में मची भगदड़ 15 लोग नदी में डूबे, चमधार में भूस्खलन से यातायात बाधित

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आईआरएस ने किया आपदा से बचाव एवं राहत कार्य का मॉक अभ्यास
मॉकड्रिल कर परखी चारधाम यात्रा की तैयारियां
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : चार धाम यात्रा 2023 की तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जनपद पौड़ी के श्रीनगर क्षेत्र में आपदा से बचाव एवं राहत कार्य का मॉक अभ्यास किया गया। इसी दौरान जनपद में तीन घटनास्थल चिन्हित किये गये। जनपद कंट्रोल रूम को सूचना प्राप्त हुई कि डुंगरीपंथ में 3 मकान गिरने से 7 से 8 लोगों के दबने की संभावना हैं, भूकंप से भगदड़ के चलते धारी देवी मंदिर के पास 12 से 15 लोग अलकनंदा नदी में बहने व डूबने तथा चमधार में भूस्खलन होने से यातायात व्यवस्था बाधित हुई है। जिस पर आईआरएस सिस्टम अलर्ट हो गया। सूचना पर तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, फायर बिग्रेड, तहसीलकर्मी सहित अन्य विभागों की टीमें मौके पर पहुंची तथा राहत और बचाव कार्य शुरू किया। टीमों ने रेस्क्यू कर गंभीर घायलों को अस्पताल पहुंचाया, वहीं नदी में डूब रहे 11 लोगों की जान बचाई।
मॉक अभ्यास के तहत जनपद में तीन घटनास्थल चिन्हित किये गये थे। श्रीनगर में स्थित डुंगरीपंथ को भूकंप की घटना, धारी देवी मंदिर के पास भगदड़ से डुबने तथा चमधार के पास भूस्खलन होने की घटनाएं चिन्हित् की गयी थी। सर्वप्रथम जनपद कंट्रोल रूम को स्थानीय पटवारी के माध्यम से प्रात: 9:50 बजे दूरभाष पर सूचना प्राप्त हुई कि श्रीनगर के डूंगरी पंथ में भूकंप आया है, जिसके पश्चात जनपद का आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) तुरन्त अलर्ट हो गया तथा तत्काल आईआरएस टीम का सदस्य जनपद आपदा कंट्रोल रूम की ओर रवाना हुआ। आईआरएस टीम के रेस्पॉन्सिबल अधिकारी जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान एवं ऑपरेशनल यूनिट प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे सहित आईआरएस के महत्वपूर्ण सदस्य तुरन्त जनपद आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। जिलाधिकारी द्वारा समस्त इंसीडेंट की कमान संभाल कर आपदा से बचाव एवं समस्त कार्यों के संबंध में तत्काल जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये। आईआरएस के सभी सदस्यों और विभागों द्वारा अपने-अपने संसाधनों व टीम सदस्यों के साथ अपनी रिर्पोटिंग प्रस्तुत की। इसी बीच तहसील श्रीनगर के अंतर्गत आने वाले स्थानीय विभागीय कार्मिक घटना स्थल के लिए रवाना हुए तथा एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को भी मौके पर पहुंचने की सूचना दी गयी। इसी दौरान जनपद कंट्रोल रूम को अलग-अलग समय सूचना प्राप्त हुई कि डुंगरीपंथ में 3 मकान गिरने से 7 से 8 लोगों के दबने की संभावना हैं, भूकंप से भगदड़ के चलते धारी देवी मंदिर के पास 12 से 15 लोग नदी में बहने व डूबने तथा चमधार में भूस्खलन होने से यातायात व्यवस्था बाधित हुई है। तत्काल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, फायर बिग्रेड, तहसीलकर्मी सहित अन्य विभागों की टीमें मौके पर पहुंची तथा लोगों को बचाने के कार्य में जुट गयी। डूंगरी पंथ में 5 लोग मकान के गिरने से दबे थे, जिनमें से 3 व्यक्ति सामान्य पाये गये, जबकि 2 को अस्पताल रवाना किया गया। धारी देवी में भगदड़ की घटना में कुल 15 लोग नदी में बह रहे थे जिसमें से 11 लोगों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस व स्थानीय टीम द्वारा सामान्य तरीके से रेस्क्यू किया गया, जबकि अन्य 4 लोग जो गंभीर रूप से घायल थे, उनको प्राथमिक गहन चिकित्सा हेतु एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा गया। इसी तरह चमधार में आये भूस्खलन से बाधित हुए यातायात को लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व स्थानीय टीम के द्वारा मौके पर आवश्यकतानुसार जेसीबी तैनात करके सड़क मार्ग को यातायात के लिए पुन: बहाल कर दिया गया। इस दौरान जनपद कंट्रोल रूम में अपर जिलाधिकारी इला गिरी, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पीएस बृजबाल, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, अपर पुलिस अधीक्षक अनूप काला सहित आईआरएस के सदस्य अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे। घटना स्थल श्रीनगर में इसीडेंट कमांडर आकाश जोशी, क्षेत्राधिकारी श्याम दत्त नौटियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।


मॉक अभ्यास को वास्तविक घटना के तौर पर लेना चाहिए
पौड़ी : ब्रीफिंग के दौरान जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि मॉक अभ्यास को हमेशा वास्तविक घटना के तौर पर लेना चाहिए, ताकि हमारी आपदा से निपटने की प्रतिक्रिया ठीक तरह से संपादित हो सके। आईआरएस के सभी सदस्यों को अपने-अपने दायित्वों का बेहतर ज्ञान होना चाहिए। इसके लिए समय-समय पर नई तकनीकों से अपडेट रहना चाहिए। मॉक अभ्यास में घटना घटित होने के तत्पश्चात् बहुत से पक्षों और चीजों पर ध्यान देना चाहिए, जो चीजें घटना के दौरान घटित हो सकती है तथा उसको रिकवर करने के लिए हमें जो भी तैयारी करनी होती है की जानी चाहिए। सभी का आपस में बेहतर समन्वय होना चाहिए। कोई भी विभाग या अधिकारी व्यक्तिगत योगदान देने वाला नहीं दिखना चाहिए, बल्कि एक पूरा टीम वर्क केन्द्रित बचाव एवं राहत अभियान दिखना चाहिए।

जनपद कंट्रोल रूम की सूचना पर निर्भर न रहें
पौड़ी : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने ब्रीफिंग के दौरान कहा कि आईआरएस को स्वयं एक्टिव होना चाहिए। कहा कि हो सकता है कि आपदा से कम्यूनिकेशन सिस्टम ध्वस्त हो जाए तो उस दशा में सूचना आदान-प्रदान कैसे संभव होगा इस पर भी काम करना होगा। इसलिए केवल जनपद कंट्रोल रूम की सूचना पर ही निर्भर न रहकर आईआरएस के प्रत्येक सदस्य को अपने विवेक और आईआरएस के अंतर्गत किये गये दायित्वों के अनुरूप कार्य करने चाहिए।

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