उत्तराखंड में इस बार भी लोकपर्व इगास पर रहेगा सार्वजनिक अवकाश
देहरादून। प्रदेश में इगास बग्वाल पर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इगास पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन द्वारा जारी आदेश के अनुसार शुक्रवार चार नवंबर को इगास बग्वाल पर्व पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। यह अवकाश सभी शासकीय व अशासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों व कार्यालयों के साथ ही बैंक, कोषागार व उपकोषागार में भी रहेगा।
उत्तराखंड के लोकपर्व ईगास बग्वाल पर राजकीय अवकाश रहेगा। बीती 25 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की थी। यह दूसरा मौका होगा जब उत्तराखंड में लोकपर्व ईगास बग्घ्वाल को लेकर राज्घ्य में अवकाश घोषित किया गया है।
बीते दिनों मुख्घ्यमंत्री पुष्घ्कर धामी ने गढ़वाली बोली में ट्वीट किया था। ट्वीट में उन्घ्होंने लिखा था कि श्आवा! हम सब्बि मिलके इगास मनोला नई पीढ़ी ते अपणी लोक संस्ति से जुड़ोला। लोकपर्व श्इगासश् हमारु लोक संस्ति कु प्रतीक च। ये पर्व तें और खास बनोण का वास्ता ये दिन हमारा राज्य मा छुट्टी रालि, ताकि हम सब्बि ये त्योहार तै अपणा कुटुंब, गौं मा धूमधाम से मने सको। हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।श्
बता दें कि उत्तराखंड में दीपावली के 11 दिन बाद लोक पर्व इगास मनाया जाता है। प्रदेश में इगास पर इस वर्ष भी अवकाश घोषित किया गया। आज मंगलवार को शासन ने इगास पर अवकाश की घोषणा की अधिसूचना जारी की। सरकार का उद्देश्य है कि सभी लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाएं और नई पीढ़ी को भी इस इस त्योहार से जोड़ें।
पहाड़ की लोक संस्कृति से जुड़े इगास पर्व के दिन घरों की साफ-सफाई के बाद मीठे पकवान बनाए जाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
इगास पर्व के दिन गाय और बैलों की पूजा की जाती है। शाम के वक्त गांव के किसी खाली खेत अथवा खलिहान में नृत्य के साथ भैलो खेला जाता है। भैलो एक प्रकार की मशाल होती है, जिसे नृत्य के दौरान घुमाया जाता है।