धरती कांपी बार-बार पर भूंकप एप से अलर्ट न मिला एक बार
एक हफ्ते में उत्तराखंड की धरती तीन बार कांप चुकी है, लेकिन उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप ने एक बार भी अलर्ट नहीं दिया। आपदा प्रबंधन विभाग और आईआईटी रुड़की की ओर से तैयार किए गए इस एप के लन्चिंग के वक्त दावा किया गया था कि इसके माध्यम से भूकंप की पूर्व चेतावनी मिल सकेगी। अब जब आए दिन भूकंप आ रहे हैं तो ये एप चेतावनी जारी करने में फेल हो गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार अगस्त 2021 को सचिवालय में मोबाइल एप्लीकेशन ‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’ एप लांच किया था। इस एप के माध्यम से भूकंप की पूर्व चेतावनी जारी किए जाने का दावा किया गया था। साथ ही यह भी दावा किया गया था कि उत्तराखंड ऐसा एप बनाने वाला पहला राज्य है। इतना ही नहीं जिन लोगों के पास एंड्रइड फोन नहीं है, उनको भी भूकंप से पूर्व चेतावनी संदेश मिलने का दावा किया गया था।
शनिवार को पहले उत्तरकाशी इलाके में भूकंप आया, इसकी तीव्रता 3़1 मापी गई, लेकिन एप ने इसका कोई अलर्ट जारी नहीं किया। इसके बाद शनिवार की रात ही 7़57 बजे 5़4 तीव्रता का भूकंप आया। एप ने इसका भी अलर्ट जारी नहीं किया। इससे पूर्व आठ नवंबर की रात करीब दो बजे भूकंप के तेज झटके लगे थे। इसका केंद्र नेपाल में था और 6़3 तीव्रता नापी गई थी। एप ने इसका भी अलर्ट जारी नहीं किया।
उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से सिस्मिक जोन फोर में आता है। भूकंप की वजह से राज्य एक बार बड़ी तबाही झेल चुका है। विशेषज्ञों की मानें तो पिछले 10 वर्षों में उत्तराखंड भूकंप के लगभग 700 झटके झेल चुका है।
उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने भी यह एप डाउनलोड किया है।
उनका दावा है कि आज तक उन्हें इस एप के माध्यम से भूकंप का कोई अलर्ट नहीं मिला। शनिवार को भूकंप आने के बाद भी एप अपडेट नहीं किया गया था।