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विदेशी मेहमानों के लिए ‘मल्टीलेयर सिक्योरिटी’ कवर, 72 घंटे पहले पहुंचेगा अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का दस्ता

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नई दिल्ली, एजेंसी। ’जी20′ शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली पहुंचने वाले विभिन्न राष्ट्रों के अध्यक्ष और सरकार के प्रमुखों को अचूक सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए ‘मल्टीलेयर सिक्योरिटी’ कवर तैयार किया गया है। इसमें भारतीय सेना, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, एनसीजी कमांडो और दिल्ली पुलिस की टीमें शामिल रहेंगी। सभी बलों को सुरक्षा की अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ‘जो बाइडेन’ की सुरक्षा में तैनात ‘अमेरिकी सीक्रेट सर्विस’ का दस्ता जी20 की बैठक शुरु होने से 72 घंटे पहले ही दिल्ली पहुंच जाएगा। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के घेरे में रखा जाएगा। प्रगति मैदान स्थित नव निर्मित ‘स्टेट ऑफ आर्ट कंवेंशन कॉप्लेक्स’, विभिन्न रूट, होटल और उन सभी स्थलों पर अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का दस्ता पहुंचेंगा, जहां पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहुंचेंगे। इसी कड़ी में दूसरे मुल्कों की खुफिया एजेंसियां एवं राष्ट्र अध्यक्ष या सरकार के प्रमुख को सुरक्षा प्रदान कर रही सिक्योरिटी इकाई भी पांच या छह सितंबर को दिल्ली पहुंच जाएंगी।
बता दें कि ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इनमें से कई देश जैसे अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए कई दिन पहले ही एक टीम दिल्ली पहुंच जाएगी। इससे पहले भी जब कभी किसी महाशक्ति या बड़े देश का कोई राष्ट्र अध्यक्ष दिल्ली आया है तो उसके साथ विशेष सुरक्षा दस्ता भी कई दिन पहले ही दिल्ली पहुंचा गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ‘जो बाइडेन’, चीनी राष्ट्रपति ‘शी जिनपिंग’ और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ‘ऋषि सुनक’ सहित अन्य मेहमानों को ठहराने के लिए होटलों का चयन कर लिया गया है।
राष्ट्रपति जो बाइडेन, आईटीसी मौर्य होटल की 14 वीं मंजिल पर स्थित प्रेजिडेंशियल सुइट में ठहरेंगे। उस मंजिल और होटल के नीचे तक ‘अमेरिकी सीक्रेट सर्विस’ का दस्ता मौजूद रहेगा। सुइट में कौन से बिजली उपकरण चालू रहेंगे और कौन से नहीं, ये सब सीक्रेट सर्विस तय करती है।कमरे में पहले से लगे फोन, बैल और वाटर सप्लाई के कुछ यंत्र हटाए जा सकते हैं। राष्ट्रपति का अपना संचार सिस्टम रहता है। उनके कमरे के आसपास बिजली कनेक्शन की जाँच भी सीक्रेट सर्विस करती है। पावर सप्लाई की व्यवस्था को किस तरह से संचालित करना है और जनरेटर सैट की कनेक्टिविटी, ये सब भी सीक्रेट सर्विस दस्ता तय करता है। आईटीसी मौर्य होटल की 14 वीं मंजिल पर जाने के लिए खास लिफ़्ट लगी है। इसे सप्ताह भर पहले ही सुरक्षा बल अपनी निगरानी में ले लेते हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जो कि ताज पैलेस होटल में ठहरेंगे, वहां पर भी मल्टीलेयर सिक्योरिटी रहेगी।
जहां पर भी राष्ट्र अध्यक्ष या प्रधानमंत्री ठहरेंगे, वहाँ की सुरक्षा किसी एक एजेंसी के हाथ में नहीं रहेगी। कम से कम तीन एजेंसियों को वह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जैसे रात के समय दिल्ली पुलिस के साथ सीएपीएफ का दस्ता मौजूद रहेगा। इनके अलावा एनएसजी कमांडो भी तैनात रहेंगे। रूट के दौरान भी अलग-अलग सुरक्षा बलों की टीम मौजूद रहेगी। नाइट हाल्ट, रूट, राजघाट और बैठक स्थल पर कई बलों को सुरक्षा का ज़िम्मा दिया गया है।चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताज पैलेस होटल में ठहरेंगे, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक होटल शांगरी-ला में रुकेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों क्लेरिजेस होटल में ठहरेंगे तो वहीं आस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज के लिए होटल इंपीरियल बुक कराया गया है। किस मेहमान को कौन सा भोजन परोसा जाएगा, वह लिस्ट कई पहले अमेरिकी सहित दूसरे मुल्कों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा की जाती है। आईबी की सलाह पर यह तय किया गया है कि कौन सा मेहमान किस होटल में ठहरेगा।
विदेशी मेहमानों की अचूक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ द्वारा ग्रेटर नोएडा स्थित, वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में 1000 ‘रक्षकों’ का विशेष दस्ता तैयार किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से सीआरपीएफ के 50 ट्रेनर, रक्षकों को तैयार करने में जुटे हैं। इन रक्षकों की लगभग 50 टीमें बनाई जाएंगी। इसके अलावा करीब तीस सौ बुलेटप्रूफ वाहन तैयार कराए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ के वीआईपी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जिन एक हजार जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे सामान्य कर्मी नहीं हैं। इनमें वे सभी जवान शामिल हैं, जो पूर्व में वीआईपी सुरक्षा का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने एसपीजी और एनएसजी जैसी सुरक्षा यूनिटों के साथ काम किया है। ये सभी जवान, विदेशी राष्ट्रध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के ‘कारकेड’ में चलेंगे। दूसरे स्थलों पर इन्हें सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन्हीं में से कुछ ड्राइवरों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर पर दिल्ली पुलिस को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ट्रेनिंग सेंटर पर जवानों को ‘कारकेड’ से लेकर ‘होटल’ तक विदेशी मेहमानों की सुरक्षा का दायित्व सौंपा जाएगा। इन्हें उसी तरीके प्रशिक्षित किया जा रहा है। होटल या बैठक स्थल से निकलने के बाद वीआईपी को गाड़ी तक कैसे पहुंचाना है। उस वक्त सुरक्षा को लेकर जितने भी प्रोटोकॉल होते हैं, उनके बारे में बताया जा रहा है। गाड़ी में कैसे बैठना है, कोई घटना होती है तो उस वक्त सुरक्षा का कौन सा फार्मूला इस्तेमाल करना है, खतरे का आभास हो तो विदेशी मेहमान की सुरक्षा कैसे करनी है, आदि बातें सिखाई जा रही हैं। बीच रास्ते अगर गाड़ी में कोई तकनीकी खराबी आ जाए तो उस दौरान पहले, दूसरे व तीसरे नंबर वाले स्पेयर वाहन की स्थिति क्या रहेगी। कौन सी गाड़ी में विदेशी मेहमान को शिफ्ट किया जाएगा। मतलब, वीआईपी को किस तरह से 360 डिग्री डिफेंस प्रदान करनी है, ये सब ट्रेनिंग का हिस्सा है। यह ट्रेनिंग छह सितंबर तक चलती रहेगी। इसके बाद रिहर्सल होगी। विदेशी मेहमान जिस होटल में ठहरेंगे, वहां पर नाइट सिक्योरिटी के लिए अलग अलग सुरक्षा बलों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। किसी भी जगह की जिम्मेदारी, एक सुरक्षा बल के पास नहीं रहेगी। जैसे नाइट हॉल्ट के दौरान बॉर्डर गॉर्डिंग फोर्स के साथ दिल्ली पुलिस का दस्ता रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रगति मैदान में दिल्ली पुलिस के साढ़े चार हजार जवान तैनात रहेंगे। खास बात ये है कि इनमें से कोई भी वर्दी में नहीं होगा। वे सभी जवान सूट बूट में होंगे और उनकी आंखों पर काला चश्मा रहेगा। इन जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने 1300 जवानों को प्रगति मैदान के बाहर तैनात करने की योजना बनाई है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा समेत अन्य शीर्ष अफसरों की बैठक में इन सभी तथ्यों पर चर्चा हो चुकी है।दिल्ली पुलिस के ऐसे जवान, जिन्हें प्रगति मैदान के बाहर तैनात किया जाएगा, वे सभी वर्दी में रहेंगे। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस के 400 जवान, प्रगति मैदान और उसके आसपास रहेंगे। दिल्ली पुलिस की साढ़ चार सौ पीसीआर, विभिन्न जगहों पर तैनात होंगी। साथ ही पचास से अधिक एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियां भी आयोजन स्थल के आसपास खड़ी रहेंगी।

 

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