अब पालतू पशुओं को सड़क पर छोड़ा तो होगा मुकदमा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। सड़क पर पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गोवंशीय पशुओं में पंजीकरण एवं टैग लगाने का कार्य जल्द ही शुरू होगा। नगर निगम ने इसके लिए योजना तैयार की है। योजना के अनुसार निगम के 40 वार्डों में पालतू पशुओं को चिन्हित किया जायेगा। इसके बाद पशुओं की टैगिंग की जायेगी। टैगिंग के बाद यदि किसी पशुपालक का पशु सड़क पर मिला तो मौके पर उसकी फोटो, जीपीएस लोकेशन के साथ खिंची जाएगी। उसके बाद नगर निगम द्वारा पशुपालक के खिलाफ पशु कू्ररता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा। साथ ही जुर्माना भी वसूला जायेगा।
कोटद्वार शहर में लगातार आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि सड़कों व चौराहों पर इनका जमघट लगातार दिखाई दे रहा है। शहर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान को खतरा बन रही है। मैन रोड़ ही नहीं बल्कि हर गली मोहल्ले में आवारा पशुओं का आतंक है। हालांकि नगर निगम की ओर से काशीरामपुर तल्ला में गौशाला में संचालन कराया जा रहा है, लेकिन गौशाला की क्षमता कम होने की वजह से शहर में आवारा पशु घूमते रहते है। आए दिन हो रहे हादसे के कारण शहर के लोग भयभीत है। लोग अपने घरों से निकलते समय भी डरते है। शहर में कुछ लोगों ने गाय पाल रखी हैं, लेकिन अधिकांश लोग दूध निकालने के बाद गायों को सड़क पर इधर-उधर चारे के लिए मुंह मारने को छोड़ देते हैं। गोखले मार्ग, पटेल मार्ग में सांडों का आतंक इस कदर है कि लोग सब्जी खरीदने के लिए आने से कतरा रहे हैं। इसी प्रकार गली मोहल्लों में भी आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। आवारा पशु झुंड में रहते हैं जो किसी पर हमला करें तो बचना मुश्किल है।
नगर निगम के नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि शहर में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इन पशुओं की टैगिंग करने का निर्णय लिया गया है। निगम के सफाई हवलदार सभी वार्डों में पालतू पशुओं को चिन्हित करेगें। इसके बाद पालतू पशुओं की टैगिंग की जायेगी। पशुपालन विभाग एक सप्ताह के अंदर टैगिंग कार्य शुरू कर देगा। टैगिंग कार्य पूरा होने के बाद सड़कों पर पालतू पशुओं के घूमने पर पशु पालक के खिलाफ पशु कू्ररता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा। साथ ही जुर्माना भी वसूला जायेगा। उन्होंने बताया कि लाउडस्पीकर के माध्यम से पशु पालकों से अपील की जा रही है कि अपने पशुओं को घर पर ही रखें।
आवारा पशु लोगों के लिए खतरा
स्थानीय निवासी प्रवेश रावत का कहना है कि शहर में बढ़ते आवारा पशु लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा है। आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला या जंगल में छोड़ने की ड्यूटी नगर निगम की है लेकिन लापरवाही से शहर में आवारा जानवर दिन पर दिन बढ़ रहे हैं तथा आमजन को चोटिल कर रहे है। आवारा पशु एक दूसरे पर हमले करने से कई राहगीर, बाइक सवार इनकी चपेट में आने से घायल हो रहे है। पीड़ित लोगों ने बताया कि आवारा पशुओं को शहर से हटाने की व्यवस्था प्रशासन को करनी चाहिए। ताकि हादसों से बचा जा सके।