जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद हुआ कोटद्वार का लाल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जम्मू कश्मीर के पुंछ में एक बार फिर से आतंकियों ने नापाक हरकत की है। पुंछ में आतंकवादियों ने सैन्य वाहन पर हमला किया। राजौरी-पुंछ इलाके में गुरुवार दोपहर आतंकियों ने सर्च ऑपरेशन पर निकले सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला कर दिया। जिसमें कोटद्वार के शिवपुर निवासी 28 वर्षीय सैनिक गौतम कुमार ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। गौतम के शहीद होने की खबर के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस खबर के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। गौतम की 11 मार्च को शादी होनी थी।
गौतम बीते शनिवार को ही कोटद्वार से छुट्टी काटकर अपनी ड्यूटी पर वापस लौटे थे और अगले साल 11 मार्च को उनकी शादी होनी थी। शहीद के बड़े भाई राहुल कुमार ने रोते हुए बताया कि गुरूवार रात को 12 बजे भाई की यूनिट से फोन आया कि वे शहीद हो गये। तब से शहीद के घर में कोहराम मचा हुआ है। देश सेवा में शहादत देने वाले कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार साल 2014 में गौचर से सेना में भर्ती हुए थे और इन दिनों 89 आम्र्ड रेजीमेंट में अपनी सेवाएं दे रहे थे। शहीद के बड़े भाई राहुल ने बताया कि दो साल पूर्व हुई पिता की मौत का गम अभी हल्का भी नहीं हुआ था कि भाई के जाने से अब पूरा परिवार टूट गया है। बताया कि गौतम की रायवाला से सगाई हुई थी और इन दिनों उसकी शादी की तैयारियां चल रही थी। शनिवार को ही गौतम छुट्टी से अपनी ड्यूटी पर वापस लौटा था। राहुल ने बताया कि हादसे से कुछ देर पहले ही गौतम ने अपनी ससुराल फोन पर बात की थी।
बता दें पुंछ के राजौरी में बीते रोज आतंवादियों ने घात लगाकर सेना की दो गाड़ियों पर हमला किया। घटना को अंजाम देने वाले आतंकी भारी हथियारों से लैस थे। आतंकियों ने सेना की गाड़ियों पर जमकर फायरिंग की। जिसके बाद सेना ने भी जवाबी फायरिंग की। इस फायरिंग में सेना के 4 जवान शहीद हो गये, जबकि तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गये। बताया जा रहा है कि सेना की गाड़ियां थानामंडी सूरनकोट क्षेत्र में एक संयुक्त चेकिंग अभियान के लिए पहुंची थी। दोपहर 3.45 मिनट पर सेना की गाड़ियां ऑपरेशन साइट पर पहुंची थीं। वाहनों के पहुंचते ही आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें चार जवान शहीद हो गये।
5 दिन पहले ही घर से पोस्ट पर वापस लौटे थे गौतम
गौतम की शहादत की खबर सुनते ही परिजनो में कोहराम मच गया है। गौतम साल 2014 में आर्मी में भर्ती हुए थे। बुधवार रात ही सेना की ओर से परिजनों को गौतम के शहीद होने की सूचना मिली। मिली जानकारी के मुताबिक गौतम कुमार कुछ समय पहले घर आए थे और विगत 16 दिसंबर ही पोस्ट पर वापस लौटे थे।