डीएम की अनोखी पहल …जिले के कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को ग्रो बैग बांटने का काम शुरू
देहरादून। राजधानी में अब गमले में पोषण के जरिये कुपोषण दूर किया जाएगा। गमले में पोषण से मतलब ग्रो बैग से है। जिले के 1142 कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को पांच हजार से अधिक ग्रो बैग बांटे जाएंगे। साथ ही 10 हजार से अधिक पोषण वाले पौधे भी दिए जाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 850 सहजन के पौधे भी मंगाए गए हैं। इन्हें भी बांटा जाएगा।जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की पहल पर जिले के कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को ग्रो बैग बांटने का काम शुरू हो गया है। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत इस बार ग्रो बैग में पोषण युक्त पौधों के जरिये कुपोषण को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। अगस्त महीने के आंकड़ों की बात करें तो जिले में 986 कुपोषित और 156 अति कुपोषित बच्चे हैं। इन्हें पांच ग्रो बैग के साथ ही टमाटर, बींस, सेम, तुरई और करेला का पौधा भी दिया जाएगा। इन सभी पौधों में प्रोटीन, आयरन, फाइबर आदि काफी अधिक मात्रा में पाई जाती है। इनके सेवन से कुपोषण दूर हो जाता है। हर बैग में दो से तीन पौधे लगाए जाएंगे।
लगातार हो रही मॉनीटरिंग, जल्द मिलेगा रिजल्ट
जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश कुमार मिश्रा का कहना है कि विभाग अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है। उसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। कुपोषित और अतिकुपोषितों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। जल्द इसका बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा।आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से बच्चों को पोषण युक्त खाना नहीं मिल पाता है। जिसे देखते हुए ग्रो बैग्स और उसके साथ पांच-पांच पौधे देने का निर्णय लिया गया है। इससे उन्हें घर पर ही सब्जियां मिलेंगी। उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास सफल रहेगा और जल्द जिला कुपोषण मुक्त होगा।