उत्तराखंड

त्याग, तपस्या की प्रतिमूर्ति थे बाबा विश्वनाथ पुरीरू श्रीमहंत रविंद्रपुरी

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हरिद्वार। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन बाबा विश्वनाथ पुरी त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। वह सिद्घ संत थे। उनका जीवन सदैव समाज कल्याण को समर्पित रहा। यह बातें उन्होंने श्रद्घांजलि समारोह के दौरान कही।
ब्रह्मलीन बाबा विश्वनाथ पुरी की 34वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को श्रद्घांजलि समारोह आयोजित किया गया। जिसमें रामचरित्र का अखंड पाठ किया गया। इसके उपरांत हवन और श्रद्घांजलि अर्पित की गई। प्राचीन हनुमान मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का सिद्घपीठ प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत रविपुरी महाराज ने स्वागत किया। महंत रविपुरी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ पुरी ने परंपरांओं का निर्वहन करते हुए समस्त देश में भारतीय संस्ति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। संतों के आशीर्वाद से ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल शर्मा, द्गिंबर रघुवन, द्गिंबर राजपुरी, अधिवक्ता गंगा शरण खन्ना, अंकित पुरी, प्रवीण पुरी, एसएमजेएन पीजी कलेज के प्राचार्य ड़ सुनील कुमार बत्रा, ड़ विशाल गर्ग, भाजपा सप्ताषि मंडल अध्यक्ष तरुण नैय्यर, सीओ ज्वालापुर शांतनु पराशर, हरकी पुलिस चौकी प्रभारी संजीव चौहान, पीके शर्मा, नरेश शर्मा, सुयस अग्रवाल, आशु वर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा, सत्यम शर्मा, शुभम चौहान आदि शामिल रहे।

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