उत्तराखंड

महिला समूहों के विरोध के बाद खुला सरस मार्केट का ताला

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बागेश्वर। बनखोला स्थित सरस मार्केट को लेकर जोहार सांस्तिक समिति तथा महिलाओं समूहों का विरोध लंबे समय से चल रहा है। मंगलवार को समूह से जुड़ी महिलाएं मार्केट के पास एकत्रित हुई। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। इस बीच जोहार सांस्तिक समिति के लोग भी पहुंच गए। दोनों के बीच तनातनी देख भारी संख्या में पुलिस भी मौके पर पहुंची। तहसीलदार, बीडीओ समेत अन्य अधिकारी भी वहां पहुंच गए। महिलाओं के विरोध को देखते हुए मार्केट का ताला खोल दिया है। जिला प्रशासन की पहल के बाद 16 साल पहले बनखोला में सरस मार्केट स्थापित की गई थी। मार्केट का मुख्य मकसद यहां स्थानीय उत्पाद बेचना है। इधर लंबे समय से यहां महिला समूह से जुड़ी महिलाएं व्यापार करतीं हैं, लेकिन जोहार सांस्तिक समिति इस जमीन को अपना बताती है। साथ ही इन दुकानों को उन्हें आवंटन करने की मांग करते आ रही है। उत्तरायणी मेले में महिला समूह की सहमति के बाद यह दुकानें जोहार सांस्तिक समिति से जुड़े लोगों को दी गई, लेकिन मेला खत्म होने के बाद दुकानें खाली की जानी थी, लेकिन समिति पर दुकानों पर ताला डाले जाने का आरोप लगाता रहा। इस समस्या को लेकर दोनों पक्ष सोमवार को जनता दरबार में पहुंचे। तब डीएम ने समिति से ताला खोलने के निर्देश दिए, लेकिन मंगलवार की सुबह तक ताला नहीं खुला। इसके बाद समूह से जुड़ी महिलाओं का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। विरोध को दखेते हुए तहसीलदार दलीप सिंह, बीडीओ आलोक भंडारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी कर रही महिलाओं से वार्ता की। मार्केट पर लगाए गए ताले को तोड़ दिया। इसके बाद महिलाएं शांत हुई। अब साफ-सफाई के बाद उन्हें दुकानें दी जाएंगी। विरोध प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष आशा खेतवाल, दीपा, प्रेमा कोरंगा, अनीता टम्टा, रेनू उपाध्याय, संन्तोषी देवी, विमला देवी, आशा, जानकी खेतवाल, लीला आर्या, प्रेमा मेहता आदि शामिल थीं। इधर जोहार संस्ति समिति से जुड़े लोग जिलाधिकारी से मिले। गंगा सिंह पांगती ने बताया कि सालों से वह बागेश्वर मेले में स्थानीय उत्पाद लेकर आते रहे हैं। यह दुकानें उन्हें आवंटित करने के बजाए उसने छीना जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है।
– सरस मार्केट बनाने में सरकारी धनरााशि खर्च हुई है। इसमें बनी दुकानों को समूह से जुड़ी महिलाओं को दिया गया है। उत्तरायणी में इसे जोहार सांस्तिक समिति को दी थी, लेकिन उन्होंने अपना ताला लगा दिया, जो गैर कानूनी है। मंगलवार को प्रशासन ने ताला खोल दिया है। दुकानों को महिलाओं को दिया जाएगा। जोहार सांस्तिक समिति की बातों को शासन को भेजा गया है। शासन के निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। – अनुराधा पाल, डीएम बागेश्वर

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