ग्रामीणों ने चेतावनी दी, 4दिन में रास्ता नहीं खुला तो करेंगे पूरे जिले के किसान हाईवे जाम
रुड़की। सेना के साथ रास्ते को लेकर चल रहे विवाद के समाधान को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने चार दिन का समय मांगा है। वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि चार दिन में रास्ता नहीं खुला तो पूरे जिले के किसान हाईवे जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि उस दिन जबरन रास्ता खोला जाएगा। सोमवार दोपहर को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल ने किसान, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों की बैठक बुलाई। बैठक में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने कहा कि प्रशासन दस साल से छह गांव के ग्रामीणों की समस्या हल नहीं कर पा रहा है। इस संबंध में कई बार बैठक की गई, लेकिन केवल झूठे आश्वासन ही मिले। उन्होंने कहा कि शहर में स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई के लिए बच्चे आएंगे तो किस रास्ते से आएंगे। किसान रात-दिन परेशान हैं। बीमार व्यक्तियों को दूर-दूर से होकर रुड़की लाना पड़ रहा है। प्रशासन का रवैया टरकाने वाला है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि 152 बीघा जमीन को लेकर विवाद है। इस पूरी जमीन की पैमाइश होनी है। पैमाइश होने के बाद ही रास्ते का विवाद सुलझ सकता है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद ही पैमाइश हो सकती है। इस पर किसान नेता पदम सिंह रोड ने कहा कि बंद पड़े रास्ते को खुलवा दिया जाए। इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने चार दिन का समय मांगा है। इस मौके पर अब्दुल गफ्फार, वाजिद, शमशाद प्रधान, अशरफ, अनश अहमद, जावेद, कोच पव्वली कुकरेती आदि मौजूद रहे।
जेएम के सामने रोई छात्राएं
जिस समय ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल बातचीत कर रही थी। उस समय कोच पल्लवी कुकरेती के साथ दो छात्राएं पहुंची और फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने बताया कि उनका रास्ता बंद है। अब वह दूर से घूमकर रुड़की जाती हैं। हालत यह है कि खंजरपुर के रास्ते पर नसेडियों का जमावड़ा रहता है। कई बार छेड़छाड़ की घटनाएं तक हो चुकी हैं। पुलिस से इस संबंध में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकांश लड़कियां तो डर और शर्म के चलते स्वजनों को घटना के बारे में नहीं बता रही हैं। इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया।