निशाने पर रेल पटरियां
हमारे देश में रेल और रेलवे व्यवस्थाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा से सवाल खड़े होते आए हैं। विश्व की सबसे बड़ी रेल संचार सेवा को नियंत्रित करना वैसे भी कोई आसान कार्य नहीं है और रेलवे निश्चित तौर पर सुरक्षित रेल यात्रा की भरपूर कोशिश करता है। पिछले कुछ दिनों में रेलों की पटरी पर कुछ ऐसी हरकत इन देखने को मिली है जो सीधे तौर पर विध्वंसकारी सोच की और ले जाती हैं। ट्रेन की पटरी पर पत्थर मोटे-मोटे पेड़, सिलेंडर या लोहे की छड़े जैसी वस्तुएं रखना प्रदर्शित करता है कि इसके पीछे उद्देश्य ट्रेन दुर्घटना को अंजाम देना ही है और यह कार्य बिना किसी बड़ी साजिश के संभव नहीं है। अभी ताजा मामला कानपुर -कासगंज के उस ट्रैक का है जहां से कालिंदी एक्सप्रेस को गुजरना था वहां ट्रैक पर भरा हुआ सिलेंडर रखा गया। हालांकि लोको पायलट ने ब्रेक लगाया लेकिन उसके बावजूद सिलेंडर से टक्कर हुई लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ। निश्चित तौर पर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए सिलेंडर को पटरी पर रखा गया था। इससे पहले कानपुर के पास साबरमती एक्सप्रेस के ट्रैक पर भी रेल की पटरी का टुकड़ा रखा गया था जिससे 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे इस मामले की अभी जांच चल रही है और इसमें भी किसी बड़े षड्यंत्र से इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय रेल का एक वृहद हिस्सा ऐसे स्थानों से गुजरता है जहां रेलवे ट्रैक की नियमित सुरक्षा संभव नहीं है। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर रेलवे इतने कर्मचारी कहां से उपलब्ध कराए जो पूरे देश भर में इस फैले हुवे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा कर सके। इधर आतंकी साजिशों की संभावना के चलते इन मामलों की विवेचना अब एनआईए करेगी जो की आतंकी घटनाओं से संबंधित मामलों की जांच करती है। जिस प्रकार से देश भर में रेलवे पटरियों को निशाना बनाया जा रहा है वह एक बेहद गंभीर बात है और लाखों यात्रियों की सुरक्षा का सवाल इससे जुड़ा हुआ है। अब रेल पटरियों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी कार्य योजना की जरूरत है जिसके लिए स्थानीय पुलिस से लेकर जीआरपी एवं जन सहयोग को अपनाया जाना बेहद जरूरी है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी यहां उन लोगों की बनती है जो रेलवे ट्रैक के किनारे रहते हैं और उन्हें एक सुरक्षित समाज की दृष्टि से ऐसे लोगों पर नजर रखनी चाहिए जो की रेलवे ट्रैक के पास घूमते हुए संदिग्ध नजर आए। आपसी सतर्कता एवं सूझबूझों से ऐसे लोगोंको बेनकाब करना कोई मुश्किलकाम नहीं है जो लाखों लोगों की जिंदगीसे खिलवाड़ करने का मंसूबा रखते हों। रेलवे पटरियों एवं ट्रेनों को निशाना बनाना कोई साधारण बात नहीं है और इसदिशा में अब बेहद सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।