संस्कृत नाटक में आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार रहा अव्वल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : विकासखंड दुगड्डा की दो दिवसीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया। इस दौरान संस्कृत नाटक में आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार प्रथम स्थान पर रहा।
कार्यक्रम में डॉ. अरुणिमा मिश्रा ने कहा कि छात्र-छात्राओं का संस्कृत प्रेम देखकर के सभी लोग संस्कृत को सीखने को प्रेरित हुए। दो दिन के हुए कार्यक्रम में विभिन्न विषयों के छात्र-छात्राओं ने संस्कृत में नृत्य, गीत, नाटक और भाषण प्रस्तुत किये। यह सांस्कृतिक झलक पुराने संस्कृति एवं संस्कृति की सभ्यता की पहचान दिला रहा है कि भारतवर्ष में आज भी कोई भी व्यक्ति संस्कृत में साधारण रूप से बोल भी सकता है और उसमें कार्यक्रम प्रस्तुत भी कर सकता है। हम जहां भी जाएं जिस विषय के क्षेत्र में हम कल नौकरी पे हो तो भी हम संस्कृत से वंचित न हो, अभी तो अपने जीवन में संस्कृति, संस्कार और संस्कृति को जरूर अपनाएं, क्योंकि विश्व भर में यह हमारी प्रतिष्ठा को बनाएं रखना है। संस्कृत भाषा के कारण ही हमारा भारत आज विश्व गुरु कहलाता है। डॉ. मनोरथ प्रसाद नौगांई ने कहा कि कालिदास ने जो कण्वाश्रम का साहित्य नाटक के रूप में विश्व भर को दिया, वह आज भी प्रसिद्ध नाटककारों की श्रेणी में सबसे आगे है और इस नाटक को लिखने के कारण संस्कृत साहित्य के कवियों ने उनको प्रथम स्थान दिया। इसी कणवनगरी में दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ जिस भरत के नाम से पूरे भारतवर्ष का नाम पड़ा। आज इस कण्वनगरी की पूरी ख्याति विश्व भर में है इस मालिनी के तट पर आज भी हमने संस्कृत का यह कार्यक्रम किया, जिससे पुरानी संस्कृति हमारी जीवन्त हो उठी। शैलेश मटियानी पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ. मंजू कपरवाण ने अपने विचार में कहा कि संस्कृत हमारी धरोहर है इसी से सभी भाषाओं का जन्म हुआ है यह भाषा विज्ञान के लिए, कंप्यूटर के लिए विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न विषयों के लिए मार्गदर्शन की भूमिका में रही है। विज्ञान आज भी संस्कृत की ओर अग्रसर हो रहा है, क्योंकि संस्कृत में अंतरिक्ष से जुड़ी हुई ब्रह्मांड तक की रहस्यमयी जानकारी है। समापन कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. महावीर सिंह बिष्ट ने कहा कि छात्र-छात्राओं ने बहुत कम समय में संस्कृत जैसे विषय को स्वीकार करके अच्छी प्रस्तुतियां प्रदान की इससे लगता है संस्कृत बहुत ही सरल भाषा है, जिसमें हम सभी बातचीत कर सकते हैं। इस दौरान खंड स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में प्रथम दिवस पर संस्कृत नाटक में आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कणवघाटी ने द्वितीय स्थान एवं शांति इंटरनेशनल स्कूल दुर्गापुरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं संस्कृत समूह गान में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज दुगड्डा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कण्वघाटी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, तृतीय स्थान के रूप में डीएवी पब्लिक स्कूल कोटद्वार रहा, संस्कृत समूह नृत्य में टी.सी.जी. पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा महर्षि कण्व विद्या निकेतन कण्वघाटी कोटद्वार ने द्वितीय स्थान हासिल किया। वहीं राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालपुर कोटद्वार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संस्कृत वाद विवाद में डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया व आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, तृतीय स्थान पर अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी रहा। संस्कृत आशु भाषण में परमार्थ वैदिक गुरुकुल कण्वाश्रम प्रथम स्थान पर एवं आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार द्वितीय स्थान पर रहा तो वहीं राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सिम्बलचौड तृतीय स्थान पर रहा। श्लोक उच्चारण में टीसीजी पब्लिक स्कूल कोटद्वार प्रथम स्थान पर रहा तथा परमार्थ वैदिक गुरुकुल कण्वाश्रम द्वितीय स्थान पर एवं महर्षि कण्व विद्या निकेतन तृतीय स्थान पर रहा। इस मौके पर डॉ. रमाकांत कुकरेती, श्रीमती बबीता, डॉ. मंजू कपरवाण, के.वी.शास्त्री, सिद्धार्थ कोटनाला, श्रीमती अर्चना आदि अन्य शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया।