उत्तराखंड

शक्तिफार्म: चिता में जलने के लिए श्मशान घाट पहुंचे रामचंद्र राय

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

रुद्रपुर। आंचलिक बंगाली कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं भागवत कथावाचक रामचंद्र राय शनिवार सुबह 11 बजे सुरेंद्र नगर के श्मशान घाट पर चिता में जलने के लिए पहुंच गए। उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार से क्षुब्ध हैं। कहा कि देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार होने के बावजूद बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। तीन घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस व खुफिया तंत्र और उनके समर्थकों ने किसी तरह समझा-बुझाकर उन्हें वापस घर भेजा। शनिवार को रामचंद्र राय बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और माताओं-बहनों के साथ दुष्कर्म, साधु-संतों के ऊपर हो रहे अमानवीय अत्याचार से क्षुब्ध होकर सुरेंद्र नगर श्मशान घाट पर चिता में बैठने के लिए पहुंच गए। पुलिस व खुफिया विभाग के अफसरों ने सुरेंद्र नगर मंदिर में ही उन्हें रोक दिया। तीन घंटे से अधिक समय तक रामचंद्र राय विरोध जताते रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर राजनीति कर रही है। जबकि बांग्लादेश में अत्याचार रोकने के लिए भारत सरकार को मजबूती से निर्णय लेना चाहिए था। विपक्ष को इसके लिए दबाव बनाना चाहिए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की राजनीति नहीं करनी है। भविष्य में किसी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ना है। कहा कि हिन्दुत्व की रक्षा करने के लिए वह अपने प्राणों की बलि देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। पुलिस प्रशासन व खुफिया तंत्र सुबह से ही उन्हें घेरे रहा। श्मशान घाट में चिता तैयार करने के लिए लाई जा रही लकड़ियों को भी रोक दिया। तीन घंटे से अधिक समय तक चले घटनाक्रम के बाद पुलिस, खुफिया विभाग व समर्थकों ने समझा-बुझाकर उन्हें घर लौटने के लिए राजी किया। यहां रविन्द्र सिंह, राजन मंडल, सुमित मंडल, आनंद राय, सुजीत, सुमित सरकार, अशोक विश्वास, गणेश सरकार, राजीव मीरबहार आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!