दो पूर्व सैनिक प्रत्याशी बढ़ा रहे पार्टियों की टेंशन
निगम क्षेत्र में हैं करीब 30 हजार सैनिक व पूर्व सैनिक परिवारों के वोट
निर्दलीय प्रत्याशी महेंद्र पाल सिंह व गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल है पूर्व सैनिक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : निकाय चुनाव में महापौर पद पर किस्मत आजमाने उतरे दो पूर्व सैनिक प्रत्याशी भाजपा व कांग्रेस की टेंशन बढ़ा रहे हैं। भाजपा व कांग्रेस को अपने-अपने वोटरों के खिसकने का डर बना हुआ है। अब तक इन दोनों प्रत्याशियों की भी मजबूत स्थिति देखी जा रही है। वर्तमान में कोटद्वार के चालीस वार्डों में करीब तीस हजार सैनिक व पूर्व सैनिक परिवार के मतदाता हैं। ऐसे में यह मतदाता किस पर अधिक भरोसा जताते हैं। यह 25 जनवरी की तिथि ही निर्धारित करेगी। फिलहाल, चुनावी संग्राम रोमांचक होता जा रहा है।
निकाय चुनाव में मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनावी मैदान में महापौर पद पर भाजपा, कांग्रेस, उत्तराखंड क्रांति दल, बसपा सहित निर्दलीय छह प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें इस बार दो पूर्व सैनिक भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हुए हैं। जबकि, एक पूर्व सैनिक गजेंद्र मोहन धस्माना ने अपना नामांकन वापस ले लिया था और उन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया। ऐसे में दो पूर्व सैनिक महेंद्र पाल रावत और गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल मैदान में डटे हुए हैं। करीब 30 हजार आबादी वाले सैनिक व पूर्व सैनिक परिवारों के मतदाता किसी न किसी पार्टी की विचारधारा से जुड़े हुए हैं। लेकिन, इस बार पूर्व सैनिक महेंद्र पाल रावत व गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल पार्टियों की टेंशन बढ़ा रहे हैं। इन पूर्व सैनिकों के समर्थक भी लगातार धरातल पर डटे हुए हैं। अपने-अपने प्रत्याशी की जीत के लिए पूर्व सैनिक व सैनिक परिवारों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है।