घर ढहे, सड़कें बहीं, 80 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित

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पूर्वोत्तर में भारी बारिश से मचा हाहाकार!
गुवाहाटी। भारी बारिश और बाढ़ से पूर्वोत्तर के कई राज्यों में स्थिति बदहाल हो गई है। असम में ब्रह्मपुत्र समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और 15 से अधिक जिलों में 78 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। अरुणाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में नौ लोगों की मौत हुई है। वर्षा और भूस्खलन से उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले में 1,276 पर्यटक फंस गए हैं। इनमें दो विदेशी हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को असम, अरुणाचल प्रदेश व सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से उनके राज्यों में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर बात की और स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
अमित शाह ने दिया मदद का भरोसा
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में चट्टान की तरह खड़ी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लगातार बारिश के मद्देनजर नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। असम सरकार ने गुवाहाटी में भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बाढ़ के कारण सड़क परिवहन, ट्रेन और नौका सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य के अधिकारियों ने वन्यजीवों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एहतियाती उपाय करना शुरू कर दिया है। मणिपुर में भारी बारिश ने कहर बरपाया है।
राहत शिविरों में रह रहे लोग
पिछले 48 घंटों में राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सिक्किम के ऊपरी हिस्से में भारी बारिश से तीस्ता उफान मार रही है। तेज धारा ने कई महत्वपूर्ण पुलों को नुकसान पहुंचाया है। जंगू में फंसे प्रवासी मजदूर और स्थानीय नागरिक बैली ब्रिज के जरिये पैदल निकलने की कोशिश कर रहे हैं। मुंशीथांग में 29 मई को तीस्ता में गिरे पर्यटक वाहन के आठ सवारों का पता नहीं चल पाया है।
इस दुर्घटना में ओडिशा की एक भाजपा नेत्री की मौत हो गई थी। लापता होने वालों में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित जोड़ा भी है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पश्चिमी त्रिपुरा जिले के कई हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई है।
इसके परिणामस्वरूप करीब 1,300 परिवारों को सुरक्षा के लिए सरकारी राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रख रही है।

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