संपादकीय

आतंकवाद समर्थक देशों पर कार्रवाई

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आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए भारत की तैयारियां एवं इच्छाशक्ति पूरे विश्व के लिए एक मिसाल है। पिछले 50 दशकों से भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष ना जाने कितने ही युद्ध लड़ चुका है और अब आतंकवाद के षड्यंत्र को भी झेल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में आतंक को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ भी एक मिशन छेड़ने का के लिए समर्थन मांगा है जो की पूरी तरह से जायज है। सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निशाना पाकिस्तान पर था जो भारत के नरम रवैया के बावजूद भी लगातार अपने आतंकी संयंत्रों से भारत में गड़बड़ी फैलाता आ रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी पाकिस्तान भारत के खिलाफ षड्यंत्र में विराम लाने को तैयार नहीं है, जिस कारण भारत में ना केवल हजारों लाखों सैनिकों को शहादत देनी पड़ी बल्कि आए दिन पाकिस्तान के सीजफायर के उल्लंघन व आतंकी मंसूबों के कारण सीमा के निकट रहने वाले लोगों के लिए भी हमेशा एक खतरा बना रहता है। आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के बजट का एक बड़ा भारी हिस्सा सुरक्षा में खर्च हो जाता है और इसमें सबसे बड़ी भूमिका पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से निपटने में लग जाती है। पूरे विश्व को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए की आतंकियों को सहायता व समर्थन देने वाले देशों को दोषी माना जाए एवं ऐसे देशों से संगठित तरीके से निपटा जाए। निश्चित तौर पर पाकिस्तान भी ऐसे ही देशों की श्रेणी में आता है जो आतंकी ताकतों एवं गतिविधियों को ना केवल समर्थन देते हैं बल्कि अपनी सरजमीं में ट्रेनिंग सेंटर और बेस कैंप बनाने की भी अनुमति प्रदान करते हैं। पूरा विश्व आज इस्लामिक आतंकवाद की विभीषिका को झेल रहा है जिसके परिणाम फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका जैसी बड़ी शक्तियों को भी झेलने पड़े हैं। अब वक्त आ गया है कि विश्व आतंक के खिलाफ लड़ी जा रही भारत की मुहिम में साथ दें और आतंकवाद को संरक्षण व समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार हो। अगर ऐसा नहीं होगा तो आने वाले दिनों में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर या फिर फ्रांस के चर्च में हमले जैसी घटनाओं के लिए भी विश्व को तैयार रहना होगा। भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद की एक बड़ी कीमत चुका रहा है और यह समस्या कब समाप्त होगी इसका अभी तक दूर-दूर तक कोई हल नजर नहीं आ रहा है हां इतना जरूर है कि भारत सरकार ने जिस प्रकार से पाकिस्तान एवं आतंकवादी संगठनों से लड़ने की नीति अपनाई है उसके बाद जरूर ऐसी नापाक हरकतों को करारा जवाब मिला है।

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