कोटद्वार नगर निगम बोर्ड बैठक: ढ़ाक के वही तीन पात, मुश्किल है टैक्स बबाल टलना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम बोर्ड की नौ महिने बाद हुई बैठक में पिछले एक महिने से कोटद्वार में बबाल खड़ा करने वाला व्यवसायिक सम्पत्तियों पर टैक्स समाप्त होने के अब कोई आसार नहीं दिखाई दिये। नगर निगम की बोर्ड बैठक में भले ही कोटद्वार नगर निगम के अन्तर्गत नगर पालिका परिषद व नये शामिल क्षेत्रों में स्थित व्यवसायिक भवनों व सम्पतियों पर सरकार द्वारा अधिसूचित टैक्स को समाप्त कराये जाने का प्रस्ताव सदन में आया हो, लेकिन खुद नगर निगम बोर्ड द्वारा 25 फरवरी 2020 को पारित अपने प्रस्ताव, जिसमें उक्त क्षेत्रों में व्यवसायिक भवनों व सम्पत्तियों पर स्वकर निर्धारण की बात कही गई थी को समाप्त करने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया। जिससे नगर निगम बोर्ड द्वारा 25 फरवरी 2020 को पारित प्रस्ताव जिसमें नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत व्यवसायिक भवनों एवं सम्पत्तियों पर गृहकर लगाये जाने की सहमति बनी थी वह अब भी प्रभावी रहेगा। इस प्रकार जब नगर निगम बोर्ड जब अपने क्षेत्र में व्यवसायिक भवनों एवं सम्पत्तियों पर गृहकर लगाने के प्रस्ताव को निरस्त नहीं कर सकता है तो राज्य सरकार उसके प्रस्ताव के अनुसार अपनी अधिसूचना को वापस लेगा यह सोचना समीचीन होगा।
आज बुधवार को प्रेक्षागृह कोटद्वार में 30 प्रस्तावों पर हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में बिन्दु संख्या 6 में निगम क्षेत्र में व्यवसायिक भवन एवं सम्पत्तियों पर कर लगाये जाने की सरकार की अधिसूचना के बारे में कहा गया कि कोविड-19 के कुप्रभावों से वर्तमान में आर्थिक मंदी के चलते आम जनता पहले ही बुरी तरह से आर्थिक मंदी झेलने को मजबूर है ऐसे में बोर्ड द्वारा पारित कर उत्तराखण्ड सरकार को प्रश्नगत करों को समाप्त करें जाने पर विचार किया जाय। अभी तक निगम प्रशासन की ओर से इस पर विचार कर प्रस्ताव पारित होने की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। यदपि यह प्रस्ताव भी पारित हो जाता है तो नगर निगम बोर्ड की 25 फरवरी 2020 बैठक में पारित प्रस्ताव के तहत कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में व्यवसायिक भवनों एवं सम्पत्तियों पर गृहकर लगाया जाना निगम प्रशासन की मजबूरी होगी। क्योंकि इस प्रस्ताव को निरस्त करने का कोई प्रस्ताव बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में नहीं लाया गया।
एजेण्डे पर बना भ्रम, पार्षद ने कहा पुष्टि का बिन्दु नहीं, मेयर ने कहा है
बुधवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में नगर निगम प्रशासन द्वारा लाये गये एजेण्ड पर बैठक शुरू होने से पहले ही भ्रम की स्थिति बन गई। वार्ड नंबर 27 के पार्षद कमल नेगी ने बैठक शुरू होने से पहले एजेण्डे पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसमें पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि के लिए नहीं लिखा गया है। जबकि मेयर हेमलता नेगी ने पार्षद कमल नेगी को सदन में अपने पास बुलाया और कहा कि मेरे पास जो एजेण्डा है उसमें पुष्टि लिखा हुआ है। जिससे कहा जा सकता है कि या तो निगम ने पार्षदों को बिना पुष्टि वाले बिन्दु का एजेण्डा बांटा है या फिर पार्षद कमल नेगी ने पिछले कार्यवाही की पुष्टि वाला बिंदु पढ़ने में भूल की है। कुल मिलाकर पार्षद और मेयर के बीच में पुष्टि वाले बिन्दु पर भ्रम की स्थिति बन गई। इसके बाद नगर आयुक्त पीएल शाह ने पार्षदों को शांत करते हुए कहा कि बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि होगी, लेकिन कुछ अहम मुद्दों पर पहले चर्चा कर ली जाय उसके बाद आप सब लोग जागरूक है। इतना कहने के बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही के लिए मेयर से आज्ञा ली जिसके बाद सहायक नगर आयुक्त अंकिता जोशी ने एजेण्डा पढ़ना शुरू कर दिया।
अनआवासीय भवनों व खाली भूखण्डों पर कर लगाने के मुददें पर निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा
भाजपा पार्षदों ने लगाया भेदभाव का आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम की बोर्ड बैठक में सम्पत्ति कर के प्रस्ताव की पुष्टि के दौरान भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने विरोध करते हुए जमकर हंगामा काटा। इस कर को लेकर भाजपा पार्षदों ने कहा कि बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है, जबकि कांग्रेस व उसके समर्थित पार्षदों का कहना था कि सरकार की यह शासनादेश जारी किया गया है। इस मुद्दे को लेकर कई बार पार्षदों ने हंगामा किया। महापौर व नगर आयुक्त पीएल शाह ने पार्षदों को शांत कराया। इस दौरान पार्षदों ने नगर निगम की आय बढ़ाने को लेकर भी सुझाव दिए। नगर आयुक्त ने पार्षदों का भरोसा दिलाया कि सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य कराए जाएंगे।
भाजपा पार्षद सौरव नौटियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि 25 फरवरी 2020 की नगर निगम की बोर्ड बैठक में कांग्रेस पार्षदों व कांग्रेस सर्मिथत पार्षदों ने उक्त कर के प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पास किया था, जबकि भाजपा व भाजपा समर्थित पार्षदों ने उक्त प्रस्ताव का विरोध करते हुए बैठक का बहिष्कार किया था। सौरव नौडियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर और निगम प्रशासन द्वारा भाजपा व भाजपा समर्थित पार्षदों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, उनके वार्डों में विकास कार्यों के लिए धनराशि आवंटित नहीं की जा रही है, जबकि कांग्रेस व कांग्रेस समर्थित पार्षदों के वार्डों में विकास कार्य किये जा रहे है।
बुधवार को बदरीनाथ मार्ग स्थित नगर पालिका के प्रेक्षागृह में निगम की बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। महापौर हेमलता नेगी ने कहा कि वह सभी को साथ लेकर चल रही है, लेकिन भाजपा पार्षद सौरव नौडियाल ने पार्टी पार्षदों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। महापौर श्रीमती हेमलता नेगी ने कहा कि पिछली बोर्ड बैठक में नगर आयुक्त की ओर से सम्पति कर का प्रस्ताव लाया गया था, जिसकी पुष्टि अगली बैठक में की जानी थी, लेकिन कोरोना काल के कारण बोर्ड की बैठक नहीं हो पाई। इसी दौरान प्रदेश सरकार की ओर से व्यवसायिक भवनों व खाली भूखण्डों पर कर लगाने का शासनादेश जारी किया गया। जिसका विरोध करते हुए भाजपा पार्षदों ने सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। भाजपा पार्षदों ने कहा कि महापौर की अध्यक्षता में फरवरी माह में आयोजित बोर्ड बैठक में सम्पति कर का प्रस्ताव पास किया गया है, जबकि सरकार की ओर से अक्टूबर माह में शासनादेश जारी किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर ने सम्पति कर के प्रस्ताव को लेकर जनता को गुमराह किया है। राज्य सरकार के खिलाफ भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। कांग्रेस व उसके समर्थित पार्षदों का कहना था कि राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की है। बोर्ड बैठक में पार्षद अमित नेगी ने कहा कि जनता पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगने देगें। वह इसका पूरजोर विरोध करते है। पार्षद अनिल रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में जब कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में शामिल 35 ग्राम सभाओं में आवासीय कर को माफ किया तो उसी तरह व्यवसायिक व भू-खण्ड पर लगने वाले कर को माफ क्यों नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जबरदस्ती कोटद्वार की जनता पर कर थोप रही है।
बैठक में सम्पति कर को लेकर भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने नोकझोंक भी हुई। बैठक में नगर आयुक्त पीएल शाह, सहायक नगर आयुक्त अंकिता जोशी, पार्षद अनिल रावत, विपिन डोबरियाल, राकेश बिष्ट, सुखपाल शाह, प्रवेन्द्र रावत, जगदीश मेहरा, विवेक शाह, अनिल नेगी, अमित नेगी, विजेता रावत, श्रीमती गायत्री भट्ट, बीना, सोनिया, कविता मित्तल, सौरव नौडियाल, मनीष भट्ट, कमल सिंह नेगी, कुलदीप सिंह रावत, कुलदीप काम्बोज, सूरज प्रसाद कांतिर्, ंगदी दास, दीपक लखेड़ा, पंकज भाटिया, गजेन्द्र मोहन धस्माना, लीला कर्णवाल, ज्योति, रितु चमोली, सुभाष पाण्डेय, मीनाक्षी कोटनाला, श्रीमती रेणुका देवी, नईम अहमद, अंजुम सभा सहित सभी वार्डों के पार्षद मौजूद थे।
निगम करायेगा नहरों की मरम्मत
नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षद अनिल रावत ने कहा कि नगर निगम में शामिल 35 ग्राम पंचायतों में नहरों की हालत दयनीय बनी हुई है। पिछले काफी समय से नहरों की मरम्मत नहीं होने से नहरें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो रखी है। जिस कारण नहर का पानी सड़कों पर बह रहा है और किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए प्रर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नहरों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम को लेनी चाहिए। जिस पर नगर आयुक्त पीएल शाह ने कहा कि नहरों की मरम्मत नगर निगम की ओर से कराई जाएगी, लेकिन निगम के पास इतनी धनराशि नहीं है कि एक बार में ही चालीस वार्डों के नहरों की मरम्मत कराई जा सकी। नगर आयुक्त ने कहा कि बजट उपलब्ध होने पर प्राथमिकता के अनुसार नहरों की मरम्मत कराई जाएगी।
ये 30 प्रस्ताव आये बोर्ड बैठक में
1. 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में पचास प्रतिशत धनराशि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु रखे जाने हेतु।
2. तह बजारी को मिडल मैन यानि ठेके पर देने को न्यायालय द्वारा गैर कानूनी घोषित किये जाने के आदेश को बोर्ड में रखा गया।
3. नगर आयुक्त के आवास हेतु भूमि चयन एवं आवास निर्माण आंगणन की धनराशि अवमुक्त करने हेतु शासन को सिफारिश करने हेतु।
4. नगर निगम की आय में वृद्धि करने हेतु बोर्ड में चर्चा।
5. नगर निगम ठोस अवशिष्ट प्रबन्धन निवारण हेतु धनावंटन करते हुए उत्तराखण्ड क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून को प्रस्ताव भेजे जाने हेतु।
6. नगर निगम क्षेत्र में व्यावसायिक भवन एवं सम्पत्तियों पर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा गृहकर की अधिसूचना को समाप्त करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने हेतु।
7. जिला विकास प्राधिकरण समाप्त करने हेतु।
8. नगर निगम के सैनेट्री इंस्पेक्टर व अन्य खाली पदों पर भर्ती हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने हेतु।
9. स्ट्रीट लाईट लगाने में मुख्य मार्ग तथा सम्पर्क मार्गों को प्राथमिकता देने हेतु।
10. नगर निगम क्षेत्र में 2000 नई स्ट्रीट लाईट खरीद किये जाने हेतु।
11. निर्माण कार्यों में तीन वर्षों तक रख रखाव की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था अथवा ठेकेदार पर तय करने हेतु।
12. नगर आयुक्त कोटद्वार की गाड़ी को किराये पर लिये जाने के अनुमोदन हेतु।
13. नगर निगम की 13 वर्ष पुरानी स्कार्पियों को नीलाम करने व अन्य वाहन क्रय करने हेतु।
14. नगर निगम क्षेत्र में सिंचाई गूलों की सफाई कराने हेतु।
15. नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग की जर्जर सड़कों को ठीक कराये जाने हेतु।
16. लालबत्ती चौक का नाम शहीद चौक (वीरवाला तीलू रौंतेली) हेतु।
17. साहित्यांचल संस्था को एक कक्ष उपलब्ध कराये जाने हेतु।
18. नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत खनन से भरे भारी डंपरों से क्षतिग्रस्त गूलों/पाइप लाइनों तथा सड़कों को तत्काल ठीक कराये जाने हेतु उत्तराखण्ड शासन को प्रस्ताव भेजे जाने हेतु।
19. हल्दूखाता चौक का नाम सर्वोदय चौक रखे जाने हेतु।
20. निगम क्षेत्र के अन्तर्गत होर्डिग लगाये जाने के लिए पुन: टेण्डर करने हेतु।
21. निगम क्षेत्र के अन्तर्गत खनन के डंपरों तथा ट्रकों पर टैक्स लगाये जाने हेतु।
22. नगर निगम के लिए दो स्काई लिफ्ट क्रय करने हेतु।
23. निगम क्षेत्र के अन्तर्गत फैले बंदरों को कण्वाश्रम बंदर बाडे में डालने हेतु।
24. लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग बनाने हेतु।
25. निगम क्षेत्र के अन्तर्गत अन्य विभागों द्वारा कराये गये कार्यों की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए समीक्षा करने हेतु।
26. नगर निगम में कराये जा रहे कार्यों को वर्क ऑडर पर कराये जाने हेतु।
27. ग्रास्टनगंज मेला ग्राउण्ड व पुल के बीच खाली पड़े भूखण्ड को पार्क बनाने हेतु निगम को उपलब्ध कराने हेतु।
28. काशीरामपुर तल्ला में फुटबाल ग्राउण्ड के समीप भूखण्ड को पार्क बनाने हेतु निगम को उपलब्ध कराने हेतु।
29. कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराये जाने हेतु।
30. कण्वाश्रम में 22 करोड़ रूपये की लागत से पर्यटक स्थल विकसित कराये जाने हेतु।
धन के अभाव में निगम का नहीं हुआ अपेक्षित विकास
नगर निगम के आडोटोरियम सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए महापौर श्रीमती हेमलता नेगी ने कहा कि बुधवार को नगर निगम के बोर्ड गठन को दो साल हो गये है। लेकिन विगत दो सालों में धन के अभाव के चलते नगर निगम क्षेत्र में अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से लगातार धन की मांग करने के बाद भी प्रदेश सरकार के द्वारा प्रर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध नहीं करवाया गया है, जिससे नगर निगम बोर्ड को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। महापौर ने कहा कि कोरोना महामारी ने भी विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। उन्होंने समस्त पार्षदों से अगले तीन सालों में नगर निगम के समग्र विकास में अपना योगदान देने की अपील करते हुए कहा कि नगर निगम का समग्र विकास करना समस्त पार्षदों की नैतिक जिम्मेदारी है