कोटद्वार में सरकारी पोल्टी फार्म में प्रवेश पर रोक, बर्ड फ्लू को लेकर बरती जा रही सावधानी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। बर्ड फ्लू की आहट को देखते हुए राजकीय कुक्कट प्रक्षेत्र कोटद्वार में सतर्कता बढ़ा दी गई है। फार्म में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। चूने के नियमित छिड़काव के अलावा कुक्कट प्रक्षेत्र में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केन्द्र प्रभारी ने कहा कि पोल्ट्री फार्म को घबराने की जरूरत नहीं है, अभी यह वायरस उत्तराखण्ड में नहीं आया है। लेकिन पोल्ट्री फार्म वालों को सर्तकता बरतनी होगी। मुर्गियों को दाना पानी देने के लिए सुरक्षित कपड़े एवं दस्ताने पहनकर जाएं। जमीन पर पड़े चूने एवं ब्लीचिंग पाउडर में जूता व चप्पल रगड़ लें, जिससे इसके माध्यम से कोई वायरस मुर्गियों के पास न पहुंचने पाए। इस तरह सावधानी बरतकर बर्ड फ्लू के प्रकोप से बचा जा सकता है।
राजकीय कुक्कट प्रक्षेत्र कोटद्वार में मुर्गी की वनराजा और कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे-मुर्गियां है। इसके अलावा यहां चुजे भी है। वर्ष 2020 में 1 लाख 15 हजार चूजे यहां से जनपद पौड़ी गढ़वाल और रूद्रप्रयाग जनपद में वितरित किये गये। लॉकडॉन में अन्य प्रदेशों से प्रवासी अपने गांव भारी संख्या में लौटे है। प्रवासी वनराजा और कड़कनाथ प्रजाति को पालने में विशेष जोर दे रहे है। केन्द्र प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि राजकीय कुक्कट प्रक्षेत्र कोटद्वार में कर्मचारियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। परिसर में बाहरी लोगों को नहीं आने दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पोल्ट्री फार्म वालों की समस्याओं का निस्तारण फोन पर ही किया जा रहा है। पोल्ट्री फार्म में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न करने दें। मुर्गे-मुर्गियों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्रोटीन का सेवन कराये। जिस जगह पर मुर्गियों को रखा गया हो उसके गेट के सामने चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर पर्याप्त मात्रा में छिड़क दे। उन्होंने कहा कि अगर पोल्ट्री फार्म के पास कोई पक्षी मरता है तो उसे गड्ढा खोदकर और उसमें नमक डालकर दफना दें। पोल्ट्री फार्म के आसपास जो पेड़ है उनका पातन करा दें, ताकि बाहर से आई पक्षी उस पर न बैठ सके। उन्होंने बताया कि मुर्गियों को फार्म के अंदर ही फीड व पानी की व्यवस्था करनी होगी। मुर्गियों का खुले में विचरण न करने दें उन्हें पोल्ट्री फार्म के अंदर ही रखे।
बता दें कि गत शुक्रवार को देवीरोड़ पर मछी मार्केट के पास नाले में चार कौवों के शव मिले थे। सूचना पर मौके पर उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा, तहसीलदार विकास अवस्थी, पशु चिकित्साधिकारी कोटद्वार डॉ. बीएम गुप्ता टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। पक्षियों के शव को सील करके भोपाल मध्य प्रदेश स्थित लैब में भेज दिया गया था। एक साथ चार कौवों की मौत से हड़कंप मचा गया था। लोगों में डर है कि कहीं अन्य शहरों की तरह कोटद्वार में भी कौवों की मौत का कारण बर्ड फ्लू का वायरस न हो।