फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई नियुक्ति पर सुनवाई
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने राज्य के प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए करीब साढ़े तीन हजार अध्यापकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पर मंगलवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इन अध्यापकों के खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई । कोर्ट ने अगले सप्ताह बुधवार तक मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि राज्य के प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त किये गए हैं, इसमें से कुछ अध्यापकों की एसआईटी जांच की गई।
एसआइटी जांच में खचेड़ू सिंह ,ऋषिपाल ,जयपाल के नाम सामने आए। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी की कार्यरत हैं। संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जांच करने की मांग की है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना शपथपत्र पेश कर कहा कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है अभी तक 84 अध्यापको के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं और इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है।