सड़क निर्माण को लेकर गुरना-सल्ला के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
पिथौरागढ़। गुरना-सल्ला क्षेत्र के ग्रामीण सड़क निर्माण को सड़क पर उतर आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्वीकृति के 15 साल बाद भी सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। कई सड़कें बदहाल हो चुकी है। सड़कों में जगह-जगह बने गड्ढे दुर्घटनाओं का सबब बने हुए हैं। वहीं कई सड़के स्वीकृति के इंतजार में शासन स्तर पर लटकी हुई है। सड़क सुविधा के अभाव में ग्रामीण कई किमी पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं। गुरुवार को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के जिला अध्यक्ष जगत सिंह मेहता के नेतृत्व में बेड़ा, खितौली, शेरीकांडा, गोगना, हिमतड़, सल्ला, जांजर चिंगरी सहित सेल के ग्रामीण कलक्ट्रेट में एकत्र हुए। इस दौरान उन्होंने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के जिला अध्यक्ष मेहता ने कहा कांटेगांव-शेरी सड़क वर्ष 2006 में 10 किमी स्वीकृत हुई थी। लंबे समय बाद भी सड़क में आठ किमी ही कटिंग हुई है। दो किमी कटिंग कार्य व डामरीकरण का कार्य होना शेष है। गुरना-गोगिना, हिमतड़, सल्ला गांवों को जोड़ने वाली सड़के जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे इन सड़कों पर कभी भी दुर्घटना घट सकती है। कहा बड़ाबे ज्ञालपानी-चौबाट सड़क को अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। स्वीकृति के बाद भी तप्पड़-गोगना सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से इन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की है। कहा अगर 28 फरवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान पूरन सिंह मेहता, दिनेश सिंह मेहता, नारायण सिंह मेहता, मनोज सिंह भंडारी, मदन पोखरिया, बीडी कोहली, आनंद सिंह सौन, चंचल सिंह मेहता, बसंत सिंह मेहता, ललित सिंह मेहता, मान सिंह मेहता, कुंवर सिंह, दिवान सिंह मेहता, दयाल सिंह मेहता, गिरधर सिंह मेहता, रमेश सिंह मेहता, आनंद सिंह मेहता, किशन सिंह मेहता आदि थे।