सर्वदलीय बैठक में नरेंद्र मोदी बोले
एक इंच भी जमीन नहीं, सेना को खुली छूट
नई दिल्ली, एजेंसी। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद बने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पांच से अधिक सांसदों वाली पार्टी को आमंत्रित किया गया। आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत की 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद चीन को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।
पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) को नहीं बुलाए जाने पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नाराजगी जताई है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे समय में एकजुट रहते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।
पीएम ने कहा कि हम हमारे वीर जवानों के साथ चट्टानों की तरह खड़े हैं। उनकी वीरता पर देश अटूट विश्वास रखता है। मैं शहीदों के परिवारों को भी विश्वास दिलाता हूं कि पूरे देश उनके साथ है। पूर्वी लद्दाख में न कोई सीमा में घुस आया और न ही घुसा हुआ है और न ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हमारे 20 सैनिक शहीद हुए, लेकिन भारत माता कि तरफ जो आंख दिखाया उसे सबक सिखा दिए। चीन ने जो किया है उससे देश आहत है। हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हमारी सेना जल, थल, नभ में देश की रक्षा के लिए जो करना है कर रही है। हमारी एक इंच जमीन पर कोई भी आंख उठाकर नहीं देख सकता है। हमने सेना को उचित कदम उठाने की टूट दी है। हमने चीन को अपनी बात स्पष्ट कर दी है।
मोदी बोले, भारत शांति चाहता है, लेकिन देश के स्वाभिमान की क्रक्षा सर्वप्रथम है। बीते पांच वर्षों में हमारी सरकार ने बर्डर इलाकों में संसाधन मजबूत करने पर बल दिया है। नए इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण पेट्रोलिंग बढ़ गई है। सतर्कता बढ़ी है। एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में पता चल रहा है। चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है और न ही कोई पोस्ट बनाया गया है। हमारे 20 जवान शहीद हो गए, लेकिन जिन लोगों ने भारत माता को याद किया, उन्हें सबक सिखाया गया।
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से कहा, आज हमारे पास यह क्षमता है कि कोई भी हमारी जमीन के एक इंच हिस्से को भी नहीं ले सकता है। भारत की सशस्त्र सेना एक बार में कई क्षेत्रों में जाने की क्षमता रखती है।प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में, अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए, हमने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को महत्व दिया है। हमारे सशस्त्र बलों की आवश्यकताएं हों, लड़ाकू विमान हों, उन्नत हेलीकप्टर हो, मिसाइल रक्षा प्रणालियां हों, उन्हें भी महत्व दिया जा रहा है।
सर्वदलीय बैठक में शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने कहा, भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार की क्षमता है आंखें निकालकर हाथ मैं दे देना।
सर्वदलीय बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, भारतीय बाजारों में चीन के सामान की भारी संख्या एक बड़ी समस्या है। वे प्लास्टिक के होते हैं, पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं, वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे जुड़ा इलेक्ट्रनिक कचरा अधिक होता है। चीनी उत्पाद लंबे समय तक नहीं चलते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम एक हों और केंद्र का समर्थन करें। पीएम मोदी के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने कहा, पार्टियों को किसी भी तरह की असमानता नहीं दिखानी चाहिए। भारत को लेकर चीन का रुख ज्ञात है।
भारत चीन को सम्मान देना चाहता था, लेकिन चीन ने 1962 में क्या किया।चीन में लोकतंत्र नहीं है। एक तानाशाही राज है वहीं। वे जो महसूस करते हैं, वह कर सकते हैं। दूसरी ओर हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं।