ग्राम पंचायत बूंगा प्रधान के खिलाफ दिया अविश्वास प्रस्ताव, वित्तीय अनियमितता का लगाया आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। विकासखंड कल्जीखाल की ग्राम पंचायत बूंगा के प्रधान के खिलाफ ग्रामीणों व वार्ड सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है। ग्रामीणों ने डीपीआरओ पौड़ी को प्रस्ताव सौंप प्रधान पर वित्तीय अनियमितता सहित अनेक आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधान वार्ड सदस्यों व ग्रामीणों का विश्वास खो चुके हैं। उन्हें जल्द पद से हटा दिया जाय। वहीं डीपीआरओ ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत की जांच की जाएगी। हालांकि उत्तराखंड में दो साल पहले प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता है।
विकास खंड कल्जीखाल स्थित ग्राम पंचायत बूंगा के ग्रामीणों व वार्ड सदस्यों ने मुख्यालय पौड़ी पहुंच प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया। इस मौके पर वार्ड सदस्य अनुराधा देवी, गीता देवी, लक्ष्मण सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता ओंकार सिंह रौथाण ने कहा कि पेयजल मरम्मत के लिए 20 लाख की धनराशि स्वीकृत होने के बावजूद प्रधान की ओर से मरम्मत कार्य नहीं किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में प्रधान फर्जी रुप से भुगतान कर रहे हैं। जिन लोगों ने मनरेगा में कार्य नहीं किया है, उन्हें मजदूरी दी गई है। जबकि कार्य करने वाले करीब 30 मजदूरों को अभी भी करीब एक साल बाद भुगतान का इंतजार है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधान ने कोरोनाकाल में भी ग्रामीणों की उपेक्षा की। न्याय पंचायत स्तर के पंचायत भवन पर प्रधान ने अपनी मर्जी से करीब ढाई लाख रुपए खर्च किए गए हैं। ग्रामीण मालती देवी, अनिल सिंह आदि ने कहा कि प्रधान ग्रामीणों का विश्वास खो चुके हैं, उन्हें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने डीपीआरओ से प्रधान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जल्द कार्रवाई अमल में लाए जाने की मांग की है। वहीं डीपीआरओ एमएम खान ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा दिए गए प्रस्ताव में की गई शिकायतों की जांच की जांएगी। डीपीआरओ ने कहा कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत दो साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता है।
ग्राम प्रधान बोले सभी भुगतान नियमानुसार हुए
विपिन चंद्र डबराल ग्राम प्रधान बूंगा का कहना है कि विरोधी पक्ष द्वारा यह प्रस्ताव दिया गया है। पंचायत में हो रहे किसी भी कार्य में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई। सभी भुगतान नियमानुसार ही हुए हैं।