क्वारंटाइन हुए लोगों को भोजन के लिए जाना पड़ रहा बाजार
संवाददाता, चमोली। कोराना संक्रमण से बचाव को लेकर लॉकडाउन के पचास से ज्यादा दिन के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं आया है। हाल यह है कि फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर में खाने की सही व्यवस्था तक नहीं है। वहां क्वारंटाइन हुए लोगों को भोजन के लिए बाजार जाना पड़ रहा है। ऐसे में क्वारंटाइन व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। व्यापारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हैरानी जताई है तथा कहा कि ऐसे में संक्रमण का खतरा और बढ़ेगा।
तहसील कर्णप्रयाग के अधीन गौचर में राजकीय पॉलीटेक्निक, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौचर, जीएमवीएन, डायट हॉस्टल, मोहनी लॉज व कर्णप्रयाग में श्रीकृष्णा पैलेस को प्रशासन ने फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। डॉयट हॉस्टल में बने फैसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर में रखे लोगों का आरोप है कि यहां खाने की व्यवस्था सही नहीं है। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बाहर से लाए जा रहे लोगों को रात्रि प्रवास गौचर में कराया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में क्वारंटाइन किए गए लोग बाजारों तक घूमने निकल रहे हैं। यही नहीं क्वारंटीन किए गए लोगों को ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था क्वारंटाइन सेंटर पर होनी चाहिए थी जो आज तक नहीं हो सकी है जबकि इस बात की शिकायत पुलिस के साथ राजस्व पुलिस से की गई है, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे में यह क्षेत्र संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील बनता जा रहा है।
सामाजिक संस्था लोक जागृति सचिव जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लॉकडाउन-वन में पुलिस व प्रशासन कोरोना संक्रमण को लेकर बेहद संजीदा था, तब दो घंटे आवश्यक वस्तुओं की दुकानें संचालित थी लेकिन जब बाहरी प्रदेशों से प्रवासियों की आमद बढ़ी है तब से पुलिस प्रशासन की ओर से चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, जिससे कई प्रवासी होमक्वारंटाइन से बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।