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टनल परियोजना के लिए लोनिवि हो कार्यदायी संस्था

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काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने की केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मुलाकात
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: लोकनिर्माण व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी से मुलाकात करते हुए मसूरी में स्वीकृत लेन टनल परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग, लोकनिर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था घोषित करने की मांग की है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्य मार्गों के उच्चीकरण कर राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का भी प्रस्ताव रखा।
गुरुवार को काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मुलाकात की। उन्हें बताया कि राज्य के अधिकांश सड़क मार्ग अन्र्तराष्ट्रीय सीमाओं के सड़क मार्गों के लिए फीडर रोड का कार्य करती हैं तथा सामरिक दृष्टि से भी यह अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। राज्य के आर्थिक विकास, पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने तथा पलायन को रोकने के लिए सड़क मार्गों का निर्माण, चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण तथा सुरंगों का निर्माण किया जाना आवश्यक है। उन्होने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से कहा कि राज्य के विभिन्न राज्य मार्गों को उच्चीकृत कर राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पी०एम०सी० के अन्तर्गत मसूरी में स्वीकृत, महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी दो लेन टनल परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड को कार्यदायी संस्था घोषित किया जाये। महाराज ने केंद्रीय मंत्री को सौंपे पत्र में उनसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पीएमसी के अन्तर्गत मसूरी में स्वीकृत, महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी दो लेन टनल परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड को कार्यदायी संस्था घोषित किये जाने के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109ङ के ज्यामितीय सुधार एवं चौड़ीकरण कार्य हेतु उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेन्सी के रूप में नामित किया जाने की भी बात कही। उन्होने एनएच-09 के अंतर्गत पिथौरागढ़-अस्कोट मोटर मार्ग (2 किमी 81-50.00) को पेब्ड शोल्डर किये जाने, सितारगंज से टनकपुर तक के मार्ग को चार लेन में चौड़ीकरण किये जाने, नजीबाबाद से अफजलगढ़ तक नये ग्रीनफील्ड बाईपास का निर्माण एवं नये अधिसूचित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -731 ङ के अन्तर्गत मझोला से खटीमा तक (13 किमी०) के चार लेन चौड़ीकरण किये जाने का भी केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री से अनुरोध किया। महाराज ने केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी से भेंट कर उन्हें सौंपे एक अन्य पत्र के माध्यम से उन्हें बताया कि उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रोप-वे एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने का सशक्त वैकल्पिक साधन सिद्ध हो सकता है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की वित्तीय स्थिति को मध्यनजर रखते हुये इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्माण में वित्त पोषण हिस्सेदारी की शर्त से प्रदेश को मुक्त रखा जाये, परियोजना से प्राप्त आय में से एक सुनिश्चित भाग राज्य को प्रदान करने के साथ-साथ दूसरे चरण की रोप-वे की प्रस्तावित परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन हेतु सम्बन्धित को आदेश दिये जायें।

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