पढिए: गढ़वाल राइफल ने कैसे दी शहीद जवान को अंतिम विदाई
साथी जवान की शहादत: दिल दहला लेकिन चेहरे पर नहीं दिखा दर्द, कंधा देकर दी अंतिम विदाई और फिर खड़े हो गये सीमा पर- यही तो है गढ़वाल राइफल्स की सर्वाेच्च सैन्य परम्परा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। देश की सीमा की रखवाली करते हुए सेना के जवान को दिल दहला देने वाली घटना के साथ शहीद होते हुए देख साथी जवानों ने उसके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर उसके पैतृक गांव तक का सफर दिल का दर्द चेहरे पे रोकते हुए पैतृक घाट पर सर्वोच्च बलिदान के गौरवमयी परंपरा स्थापित करते हुए बैंड की धुन और 16 राउंड की सलामी देने के बाद फिर सीमा पर रक्षा के लिए खड़ा हो जाना। यही तो है गढ़वाल राइफल्स की सर्वोच्च सैन्य परंपरा। ऐसा वाक्या आज रविवार को 25 जून को गुलमर्ग जम्मू कश्मीर में शहीद हुए 11 गढ़वाल राइफल के 23 वर्षीय जवान मंदीप सिंह नेगी के पाथर््िाव शरीर को गढ़वाल राइफल के जवानों और अधिकारियों द्वारा उसके पैतृक गांव सकनोली पोखड़ा पौड़ी गढ़वाल पहुंचाकर उसके परिजनों को अंतिम दर्शनों के लिए सौंपने के बाद उनके पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ पहुंचाकर पंचतत्व में विलीन किया। इस सैन्य सम्मान के तहत गढ़वाल राइफल ने 16 राउंड फायर कर सलामी दी। इससे पूर्व गढ़वाल राइफल रेंजीमेंट सेंटर के विग्रेडियर हरमीत सेठी, सूबेदार मेजर सोहन सिंह, मेजर पंकज सिंह एवं सूबेदार लक्ष्मण सिंह ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद की शहादत को सेल्यूट किया।