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राजकीय सम्मान के साथ दी शहीद मंदीप को अंतिम विदाई, शहीद के नाम पर होगी गांव की सड़क

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जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली।
जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में सीमार पर शहीद हुए गढ़वाल राइफल के राइफलमैन मंदीप सिंह नेगी को हजारों ग्रामीणों की नम आँखों के साथ राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ आज रविवार को अंतिम विदाई दी गई। शहीद मंदीप को राजकीय सम्मान देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने दो मंत्रियों गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे, एसएसपी पी. रेणुका देवी, सेना की ओर से बिग्रेडियर हरमीत सेठी, मेजर पंकज, सूबेदार मेजर सोहन सिंह एवं गढ़वाल राइफल के सूबेदार मेजर लक्ष्मण सिंह सैनिक टोली के साथ मौजूद रहे। राजकीय सम्मान के रूप में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किये। वहीं सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित करने के साथ 16 राउंड की सलामी देकर मंदीप के सर्वोच्च बलिदान को सेल्यूट किया।


शहीद की पार्थिव देह रविवार को सुबह सेना के वाहन से उनके गांव सकनोली पोखड़ा पहुंची। सकनोली गांव में शहीद की पार्थिव देह पहुंचते ही कोहराम मच गया। लोग शहीद की एक झलक पाने के लिए लालायित थे। वहीं शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए क्षेत्र के लोगों का शहीद के घर में सुबह से ही तांता लगा रहा। महिलाएं छतों से पार्थिव शरीर देखने के लिए खड़ी थीं। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय और मंदीप तुम अमर रहो के नारों के साथ शहीद वीर को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को पैतृक श्मशान घाट ले जाया गया। वहां राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ शहीद मंदीप सिंह नेगी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा के समय लोग जब तक सूरज चांद रहेगा, मंदीप तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय आदि नारे लगा रहे थे।


पोखड़ा ब्लॉक के सकनोली गांव निवासी 23 वर्षीय मंदीर्प ंसह नेगी पुत्र सत्यपार्ल ंसह नेगी 11 मार्च 2018 को गढ़वाल राइफल में भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात था। 25 जून गुरूवार रात को करीब आठ बजे सेना से आए फोन के जरिए ग्राम प्रधान को मंदीप के शहीद होने की जानकारी मिली थी। फोन पर जानकारी दी गई कि गुलमर्ग क्षेत्र में एक पोस्ट पर डयूटी के दौरान राइफलमैन मंदीप शहीद हो गया है। ग्राम प्रधान ने मंदीप के पिता सत्यपाल सिंह को घटना की जानकारी दी थी। मंदीप के शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मंदीप सत्यपाल सिंह की इकलौती संतान है। बीते वर्ष मंदीप दो माह की छुट्टी पर घर आया था और उसी दौरान उसकी सगाई भी हुई थी। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में मंदीप ने पुन: घर आना था और उसकी शादी की तैयारियां की जानी थी। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। इस मौके पर ब्रिगेडियर हरमीत सेठी सेंटर कमांडेंट, सूबेदार मेजर सोहन सिंह, मेजर पंकज सिंह, सूबेदार लक्ष्मण सिंह 11 गढ़वाल राइफल, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी पी रेणुका देवी, सेवानिवृत्त कर्नल ओम प्रकाश फस्र्वाण जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी, सेवानिवृत्त मेजर करन सिंह, एकेश्वर प्रमुख नीरज पांथरी, पोखड़ा प्रमुख प्रीति देवी, एसडीएम चौबट्टाखाल संदीप कुमार, दिगमोहन नेगी, थाना अध्यक्ष सतपुली संतोष पैंथवाल, राजपाल सिंह बिष्ट, सत्यपाल सिंह सहित आर्मी के जवान और क्षेत्रीय जनता ने शहीद को अंतिम विदाई दी। 


सीएम ने की घोषणा शहीद मंदीप सिंह नेगी के नाम पर होगी उनके गांव की सड़क 
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शहीद मंदीप सिंह नेगी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शहीद मंदीप सिंह नेगी के गांव की रोड का डामरीकरण किया जाएगा और इस मार्ग का नाम शहीद मंदीप सिंह नेगी मार्ग रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शहीद के परिजन माता एवं पिता से मिलकर उनको सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि शहीद मंदीप सिंह नेगी के परिवार को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज मंदीप सिंह नेगी हमारे बीच नहीं हैं वे देश के लिए शहीद हो गए हैं। धन्य हैं उनके माता-पिता जिन्होंने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया जो देश की रक्षा के लिए शहीद हुआ है और अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज कर गया है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि दुनिया में इससे बड़ा दु:ख और कोई नहीं हो सकता कि किसी का जवान बेटा चला जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जीओ किया है कि यदि देश की रक्षा करते हुए कोई वीर शहीद हो जाता है तो उसके परिवार के एक व्यक्ति को योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। किंतु यहां स्थिति अलग है, शहीद मंदीप सिंह नेगी परिवार के इकलौते पुत्र थे। उन्होंने कहा कि यह वीरो की भूमि है। शहीदों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है। शहीदों के सम्मान में लगातार काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार जनों के लिए अलग से कुछ करने की सोचेंगे और उसे कैबिनेट में लाकर पास करेंगे। उन्होंने शीघ्र साढ़े बारह लाख रुपए देने की बात कही। जबकि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने शहीद के परिवार को राज्य सरकार की ओर से मदद देने की बात कही। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कर्नल ओम प्रकाश फस्र्वाण, मेजर करन सिंह, एएसपी अनूप काला सहित अधिकारियों एवं विशाल जन समूह ने शहीद को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।

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