महापौर के वित्तीय अधिकार प्रतिबन्धित करने की मांग: भाजपा
जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार। गत शुक्रवार को समस्त भाजपा पार्षद द्वारा बंसीधर भगत शहरी विकास मंत्री को महापौर के वित्तीय अधिकार प्रतिबंधित करने हेतु पत्र प्रषित करते हुए यह आरोप लगाया गया कि कोटद्वार नगर निगम के प्रथम निर्वाचन के पश्चात् ही नगर निगम की महापौर द्वारा नगर निगम मे भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है। नगर निगम कोटद्वार के खाते से तेईस लाख रूपये बिना किसी जानकारी के निगम कर्मचारियों की मिली भगत से निकाल दिये गये हैं। जिसकी लिखित में रिपोर्ट भी कोटद्वार थाने में दर्ज हो चुकी है। नगर निगम के प्रथम निर्वाचन के पश्चात् से ही भारतीय जनता पार्टी एवं निर्दलीय पार्षदों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। विकास कार्यो में भी इनके द्वारा पूरा पक्षपात किया जा रहा है और केवल 24 वार्डो में ही विकास कार्यो को बोर्ड मंजूरी दे रहा है। जहां भाजपा के पार्षद व निर्दलीय पार्षद हैं वहां पर किसी भी प्रकार के विकास कार्य को मंजूरी नही दी जा रही है। कोविड-19 के दौरान भी इनके द्वारा अपनी मर्जी से अपने चहेतों को टेण्डर प्रदान किये गये और जो भी सामान क्रय किया गया उसकी गुणवत्ता भी निम्न स्तर की प्रदान की गयी जिसके ऊपर कोई कार्यवाही नही की गयी। साथ ही यह मांग की गयी कि यहां जो लाखों रूपये का गबन हुआ इसकी सी0बी0आई0 जांच करवायी जाये और महापौर कोटद्वार के वित्तीय अधिकारियों को प्रतिबन्धित किया जाये।