कोटद्वार-पौड़ी

स्वच्छता पर पलीता: सड़क के किनारे बिखरा कूड़ा, बना आवारा पशुओं का अड्डा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम कोटद्वार की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। शहर में जगह-जगह सड़क किनारे फैला हुआ कूड़ा आसानी से देखा जा सकता है। सड़क किनारे लगे कूड़ेदानों की स्थिति यह है कि आवारा पशु उसे आसानी से खोलकर अंदर घुस उसमें गिरे कूड़े को आसानी से निकाल कर इधर-उधर बिखेर रहे हैं। इसके कारण राहगीरों और आसपास रहने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं फैले कूड़े और गंदगी के कारण बीमारियों के फैलने का भी अंदेशा बना हुआ है।
कोटद्वार नगर निगम के चालीस वार्डों की सफाई व्यव्यस्था उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम पर है। शहर को स्वच्छ बनाने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा हर साल बजट दिया जाता है, लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था में जरा भी सुधार नहीं हो पा रहा है। नगर निगम प्रशासन शहर को स्वच्छ बनाने के लिए धरातल पर कोई ठोस योजना नहीं बना पा रहा है। नगर निगम में सैकड़ों कर्मचारी है। प्रतिदिन सफाई के नाम पर डीजल खर्च होता है। उसके बाद भी गली-मोहल्ले तो दूर शहर के प्रमुख चौराहों, बाजार, भीड़ भरे स्थानों पर गंदगी के ढे़र नजर आते हैं। देवी मंदिर के पास नगर निगम की ओर से कूड़ादान रखा हुआ है, लेकिन स्थानीय लोग कूड़ेदान के बजाय कूड़ा सड़क किनारे फेंक रहे है। यहां पर हर समय कूड़े का ढेर लगा रहता है। जिससे आवारा पशु खाने के लालच में इस पर मंडराते रहते हैं और वे कूड़े को काफी दूर तक बिखेर देते हैं। स्थानीय निवासी विजय का कहना है निगम ने कूड़ा डालने के लिए जो कूड़ेदान लगाया है वह हर समय खुला रहता है जिससे उसमें कूड़ा डालने के बाद आवारा पशु आकर उसे इधर-उधर बिखेर देते हैं। इसके कारण आसपास रहने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कूड़ा उठाने के बाद निगम की ओर से यहां किसी प्रकार का छिड़काव नहीं किया जाता है, जिससे हर समय गंदगी बनी रहती है। इससे राहगीरों का चलना मुसीबत भरा होता है। हालांकि नगर निगम घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने की भी बात करता है। लेकिन इसके बाद भी कूड़ा सड़क पर पड़ा रहता है जो स्वच्छता अभियान को कहीं न कहीं पलीता लगा रहा है। यही नहीं पालिका के निर्मित पार्कों में भी कई बार एनएसएस की छात्राओं को स्वच्छता अभियान चलाते हुए देखा गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी
नगर निगम के सफाई निरीक्षक सुनील कुमार का कहना है कि सड़क के किनारे जहां पर लोग कूड़ा फेंक रहे हैं उन स्थानों पर निगम ने कूड़ेदान भी लगाये हैं लेकिन लोग कूड़ेदान में कूड़ा न फेंक सड़क पर गिरा रहे हैं जिससे समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग करना चाहिए। कर्मचारियों को समय पर कूड़ा उठाने को कहा जाएगा।

इन स्थानों पर लगे रहते है कूड़े के ढेर
कोटद्वार। नगर निगम कोटद्वार क्षेत्र के बदरीनाथ मार्ग स्थित नगर निगम कार्यालय के पास, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज के बाहर, पुराना सिद्धबली मार्ग, गाड़ीघाट तिराहा, काशीरामपुर तल्ला मार्ग, मालगोदाम रोड, नजीबाबाद रोड, सिताबपुर रोड, आमपड़ाव सहित अन्य स्थानों पर सुबह-सांय कूड़े के ढेर लगे रहते है। कूड़े के ढेरों पर आवारा पशु अपने लिए खाने का सामना ढूढ़ते है। आवारा पशु कूड़े को सड़क पर फैला देते है। जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं समय पर कूड़ा न उठने के कारण कूड़े से दुर्गन्ध आनी शुरू हो जाती है। इससे राहगीरों व आसपास निवास करने वाले लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ती है।

पॉलीथीन बनी आवारा पशुओं के लिए खतरा
कोटद्वार। नगर निगम क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई न होने से जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे रहते है। इन कूड़े के ढ़ेरों के पास आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। आवारा पशु कूड़ा के सड़क पर बिखेर देते है। आवारा पशु कूड़े में से फल व सब्जियों को निकालकर खाते है। साथ में पॉलीथीन को भी खा देते है। जिस कारण कई पशुओं की मौत भी हो जाती है। हाल इतना बुरा है कि जगह-जगह आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। लोगों की शिकायत के बावजूद उन्हें पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जाता है। इसी का नतीजा है कि आए दिन इन आवारा जानवरों की वजह से हादसे भी हो जाते हैं।

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