राहुल-प्रियंका से मिले सचिन पायलट, बोले- कांग्रेस नहीं गहलोत का विरोध
जयपुर, एजेंसी। । राजस्थान के सियासी संकट के बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्घ्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। सूत्र बताते हैं कि कांंग्रेस ने उन्हें दोबारा प्रदेश अध्घ्यक्ष का पद देने की संभावनाओं से इनकार कर दिया है। हालांकि उन्घ्हें कांग्रेस पार्टी का राष्घ्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट की पिछले दो दिन में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल व संगठन महासचिव के़सी़वेणुगोपाल से मुलाकात हुई है।
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, आज राहुल गांधी पायलट से मिले, प्रियंका गांधी वाड्रा भी वहां मौजूद थीं। इस मुलाकात के दौरान पायलट ने उन सभी परिस्थितियों के बारे में समझाया, जिनके चलते उन्हें फैसला लेना पड़ा और बताया कि उन्होंने कांग्रेस के विरुद्घ कुछ भी नहीं किया है, वह सिर्फ अशोक गहलोत का विरोध कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट की शिकायतों को सुनने के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि वह शीघ्र ही वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे और इस मुद्दे को हल करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। इस बीच पार्टी पायलट र्केप के कुछ विधायकों को समझाने में सफल रही।
सचिन पायलट की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से टेलीफोन पर बात होने की सूचना भी है। उधर पार्टी आलाकमान का रूख देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खेमे के विधायकों से कहा, राजनीति में कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कई बाद दिल पर पत्थर रखकर फैसले करने पड़ते हैं। सोमवार को जैसलमेर से जयपुर रवाना होने से पहले गहलोत ने अपने विश्वस्त मंत्रियों व विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया। इससे पहले रविवार शाम को हुई विधायकों की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य विधायकों ने बागियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इन्हे अब कभी वापस नहीं लिया जाना चाहिए। इस पर गहलोत ने कहा कि हमें आलाकमान के फैसले का सम्मान करना है। आलाकमान जो भी फैसला करेंगे, उसे हम मानेंगे।
गहलोत ने कहा कि राजनीति में कई बार नहीं चाहते हुए भी कई बातें माननी पड़ती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बागियों को कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए वापस आना चाहिए । उधर, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि बागी विधायक अगर फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के पक्ष में वोट करते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा।
रघुवीर मीणा के बयान को सुलह की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।