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श्रीलंका में भी होगा पाकिस्तान जैसा सियासी घमासान? विपक्ष ने ठोका बहुमत का दावा

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नई दिल्ली, एजेंसी। पिछले दिनों पाकिस्तान की राजनीति में घमासान मचा रहा और अंतत: वहां की सरकार गिर गई फिर नई सरकार का गठन हुआ। इसी बीच अब आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की ही पार्टी एक बागी सांसद ने दावा किया है कि विपक्ष के पास 225 सदस्यीय संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए आवश्यक 113 का आंकड़ा मौजूद है।
दरअसल, श्रीलंकाई सरकार में शामिल रहे बागी सांसद उदय गम्मनपिला ने सोमवार को यह दावा किया है। गम्मनपिला ने कहा कि कई सांसदों के सरकार से नाता तोड़ने और मुख्य विपक्ष समागी जन बालवेगया (एसजेबी), मार्क्सवादी जनता विक्मुथी पेरामुना (जेवीपी) और तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के एक साथ आने से ऐसा संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन सबके समर्थन से विपक्ष विश्वास मत हासिल कर लेगा।
उन्होंने कहा कि हमने एसजेबी से कहा कि जब तक हमें 113 नहीं मिल जाते तब तक इंतजार करें। लेकिन फिलहाल अब हमारे पास 120 हैं। एसजेबी ने अप्रैल की शुरुआत में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए हस्ताक्षर एकत्र करना शुरू किया था। यह वही उदय गम्मनपिला यहीं जिन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री और राष्ट्रपति के छोटे भाई बासिल राजपक्षे की खुले तौर पर आलोचना करने की थी। इसके बाद उन्हें राजपक्षे द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था।
देश के सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए अपनी सरकार के खिलाफ भयंकर सार्वजनिक विरोध का सामना कर रहे राष्ट्रपति गोटाबाया ने कहा था वह सरकार को किसी भी ऐसे समूह को सौंप देंगे जो 113 सीटें जुटा सकता है लेकिन वे राष्ट्रपति पद से नहीं हटेंगे। इस बीच बौद्घ पादरियों को लिखे एक पत्र में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि जब वह पादरियों की सलाह का सम्मान करते हैं।
श्रीलंका के लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को भी छात्रों ने प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे का घर घेर लिया। बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों के छात्र घेराव करने के लिए पहुंचे थे। वे प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। श्रीलंका में लोगों को बिजली, पानी और खाने के लिए जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा सरकार के पास विदेशी मुद्रा की भारी कमी है। ऐसे में ईंधन का भी आयात नहीं हो पा रहा है।
इसके अलावा देश में इस समय खाद्यान्न का बड़ा संकट पैदा हो गया है। देश के विदेश मंत्री अली साबरी ने यह भी कहा कि वहां आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं। बता दें कि श्रीलंका में पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में गोटाबाया राजपक्षे ने नई कैबिनेट का गठन किया था।

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