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सावधान! 43 साल में खत्म हो जाएगा दुनिया को 20 फीसद अक्सीजन देने वाला जंगल

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नई दिल्ली] एजेंसी। दुनिया के सबसे बड़े जंगल अमेजन और धरती का फेफड़ा कहे जाने वाले इस इलाके को लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। दरअसल] रिसर्च में पता चला है कि अगले 43 सालों यानी साल 2064 तक यह जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। इसकी सबसे बड़ी वजह होगी जलवायु परिवर्तन] आग और ताबड़तोड़ पेड़ों की कटाई। यूनिवर्सिटी अफ &लोरिडा के भूगोल विज्ञानी रोबर्ट वकर दशकों से अमेजन का अध्ययन कर रहे हैं। 2064 में अमेजन के जंगल समाप्त होने की भविष्यवाणी करने लिए उन्होंने हाल ही के अध्ययन किए हुए आंकड़ों को संकलित किया। इसमें बताया गया है कि कैसे जंगलों में सूखे की घटनाएं] आग लगने की घटनाएं] पेड़ कटना और बारिश जैसे विभिन्न कारण जंगल की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं।
ग्लोबल फरेस्ट वच के एक अनुमान के मुताबिक] 2019 में 5़4 मिलियन हेक्टेयर जंगल कम हो गए। नई शताब्दी में हर साल दुनिया में 5 मिलियन हेक्टेयर जंगल कट जा रहे हैं। अगर हमें जंगलों की कटाई रोकनी है तो हमें यह जानना होगा कि कहां कितने जंगल कट रहे हैं और क्यों कट रहे हैं\ द ग्लोबल एनवायरमेंट चेंज के शोधकर्ता &लोरेंस पेंड्रिल और उनके सहयोगियों के एक शोध में इन्हीं दो सवालों पर फोकस किया गया है। यह शोध 2005 से 2013 के बीच के आंकड़ों पर आधारित है। पर ग्लोबल फरेस्ट वच के आंकड़ों से आज भी यही परिणाम मिल रहा है। नए आंकड़े सैटेलाइट डाटा पर आधारित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार] दुनिया में उष्णकटिबंधीय वनों की सबसे अधिक कटाई के मामले में ब्राजील पहले नंबर पर है। दुनिया के कुल दस देशों में ही 4़2 मिलियन हेक्टेयर उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई हो गई। ग्लोबल फरेस्ट वच के अनुसार] इनमें ब्राजील के साथ कांगो] बोलिबिया] इंडोनेशिया] पेरू] कोलंबिया] कैमरून] लाओस] मलेशिया और मैक्सिको शामिल हैं। नेचर इकोलजी एंड इवल्यूशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वैसे तो भारत और चीन जैसे देशों में भी पेड़ कटाई बढ़ी है] लेकिन अभी भी यह अमीर देशों के मुकाबले काफी कम है। आंकड़ों के अनुसार] भारत और चीन के उपभोक्ता प्रति वर्ष जहां लगभग एक पेड़ के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं] वहीं अमीर देशों के संगठन जी&7 समूह में यह संख्या लगभग चार हो जाती है।

 

 

 

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