शहर की बदहाल हालत सुधारने को निगम ने राज्य सरकार से मांगी मदद
-नगर निगम महापौर ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा पत्र
-नगर निगम की समस्याओं के निस्तारण को मांगा सहयोग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम क्षेत्र की लगातार बदहाल होती हालत को सुधारने के लिए महापौर हेमलता नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष व कोद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने विस अध्यक्ष से नगर निगम कोटद्वार की समस्याओं के निस्तारण में सहयोग की अपील की है।
विधानसभा अध्यक्ष व कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण को भेजे पत्र में नगर निगम कोटद्वार की महापौर हेमलता नेगी ने कहा कि कोटद्वार क्षेत्र में काफी समय से विभिन्न समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। जिनके निस्तारण के लिए उन्होंने राज्य सरकार से मदद दिलवाने की गुहार लगाई है। कहा कि क्षेत्र में बेसहारा गोवंश की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यदि राज्य सरकार इन गोवंश की देखरेख के लिए जमीन उपलब्ध कराने के साथ ही गौधाम निर्माण, चारे, पत्ती, पानी व चौकीदार समेत पशु चिकित्सक उपलब्ध करा दें तो उक्त समस्या का निस्तारण आसानी से हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटद्वार नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में संपर्क मार्ग बदहाल हालत में हैं, यहां जलभराव की समस्या बनी हुई है और काफी समय से गूलों की मरम्मत भी नहीं हुई है। इन सब समस्याओं के निस्तारण को प्रत्येक वार्ड को दो-दो करोड़ रुपये आवंटित कराने में सहयोग करें। कहा कि मुख्यमंत्री ने पर्यावरण मित्रों का मानदेय बढ़ाने का जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य है, लेकिन बढ़ाए हुए पांच सौ रुपये प्रतिदिन को बोर्ड फंड से देने के बजाय राज्य सरकार किसी अन्य मद से देने का आदेश जारी करें। उन्होंने मांग उठाई कि निगम के स्वीकृत ढांचे के अनुसार अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाए। इसके अलावा नगर निगम कण्वनगरी कोटद्वार को अपना भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराते हुए भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार से मदद दिलाई जाए।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को उत्तर प्रदेश की भूमि कोटद्वार को कराएं हस्तांतरित
नगर निगम कोटद्वार की महापौर ने कहा कि नगर पालिका के समय अविभाजित उत्तर प्रदेश में कोटद्वार का सीवर फार्म, सीवर ट्रीटमेंट का कार्य करता था और मोटाढाक तल्ला, देवेन्द्रनगर, तेलीपाड़ा फार्म, दिल्ली फार्म जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के अंग हैं वहां तब से आज तक पानी, बिजली की आपूर्ति कोटद्वार से ही की जाती रही है। अलग राज्य बनने के बाद सीवर फार्म की भूमि उत्तर प्रदेश के हिस्से में चली गई, जिससे कोटद्वार की सीवर समस्या विकराल रूप ले चुकी है। महापौर ने विस अध्यक्ष ने मांग की कि उक्त सीवर फार्म की भूमि को कोटद्वार को हस्तांतरित करने में राज्य सरकार से सहयोग कराएं।
नगर निगम को 20 करोड़ के जुर्माने से मुक्त कराएं
महापौर हेमलता नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा कि वर्ष 2013 में कोटद्वार में आधुनिक बस अड्डा निर्माण का कार्य पीपीपी मोड पर रमेस्थ कन्सट्रक्शन प्रा0लि0 रोहणी दिल्ली को 25 करोड़ में दिया गया था। लेकिन तत्कालीन नगर पालिका परिषद से भूमि विवाद के कारण संबंधित फर्म ऑर्बीटेशन में चली गई। ऑर्बीटेशन ने गत 10 अप्रैल 2022 के फैसले में नगर निगम कण्वनगरी कोटद्वार पर 20 करोड़ का जुर्माना लगाया है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार से मामले में पैरवी करवाकर नगर निगम को उक्त जुर्माने से मुक्त कराएं।